हरियाणा में प्रॉपर्टी सेक्टर को नई रफ्तार जानें

हरियाणा में प्रॉपर्टी सेक्टर को नई रफ्तार, जानें

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➤ HUDA अब 41 सेक्टरों में करेगा भूमि अधिग्रहण, संपत्ति विकास को मिली रफ्तार
➤ कांग्रेस राज में HUDA को किया गया था कमजोर, अब घाटे से उबारा गया


HUDA Pilot Project Haryana: हरियाणा सरकार अब नागरिकों को बेहतर रिहायशी माहौल देने की दिशा में बड़ा कदम उठाने जा रही है। इसके तहत हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (HUDA) द्वारा पंचकूला के कोट बिल्ला शहरी परिसर में सेक्टर-14, 16 और 22, तथा पिंजौर-कालका में सेक्टर-23 को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में विकसित किया जाएगा। यह योजना शहरी संपत्ति विकास और भूमि प्रबंधन के क्षेत्र में एक नई दिशा देने वाला मॉडल मानी जा रही है।

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने यह घोषणा हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र के दौरान राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के जवाब में कर चुके हैं। हालांकि बजट सत्र के दौरान अनेक मुद्दे उठे, लेकिन मुख्यमंत्री की घोषणा ने प्रॉपर्टी सेक्टर से जुड़े लोगों और शहरी योजनाकारों का ध्यान खींचा

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HUDA को घाटे से निकाला, अब 41 सेक्टरों में हो रहा भूमि अधिग्रहण

मुख्यमंत्री ने बताया कि कांग्रेस कार्यकाल में HUDA की नींव कमजोर कर दी गई थी। किसानों को डरा-धमकाकर जमीन कोड़ियों के भाव ली गई और जिन पर सेक्टर विकसित होने थे, वो योजनाएं ठप पड़ गईं। अब HUDA ने फिर से 41 शहरी सेक्टरों में भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू की है, जो कि ई-भूमि पोर्टल और लैंड पूलिंग नीति के माध्यम से किया जा रहा है।

पूर्व सरकारों में कोई कॉलोनी नीति नहीं, अवैध निर्माण को बढ़ावा

मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस शासन में कोई स्पष्ट कॉलोनी विकास योजना नहीं थी। कोई भी कहीं कॉलोनी काट देता था और अवैध कॉलोनियों की भरमार हो गई थी। आज स्थिति यह है कि सरकार ने 2,147 पुरानी कॉलोनियों को नियमित किया है, जबकि कांग्रेस सरकार ने 10 वर्षों में सिर्फ 874 कॉलोनियां ही नियमित की थीं

अवैध कॉलोनियों पर सख्ती

जनवरी 2015 से अब तक सरकार ने 6,904 अवैध कॉलोनियों की पहचान की है। इनमें से 3,937 कॉलोनियां (26,650 एकड़ जमीन) ध्वस्त कर दी गई हैं और 1,879 उल्लंघनकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।

आरक्षण मामले में विपक्ष का आरोप खारिज

विपक्ष द्वारा नगर निगमों में अनुसूचित जातियों के लिए आरक्षित वार्डों की संख्या कम किए जाने के आरोप पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह प्रक्रिया कानूनी प्रावधानों और जनसंख्या के अनुपात के अनुसार की गई है। किसी भी प्रकार की आरक्षण कटौती नहीं की गई है।