➤ हिसार यूनिवर्सिटी में आधी रात हॉस्टल खाली कराने पर बवाल
➤ भोजन-पानी बंद, गेट सील, छात्राएं रातभर रहीं भूखी-प्यासी
➤ राजनीतिक दलों ने बेटियों से अमानवीय व्यवहार पर सरकार को घेरा
Hisar University Protest: हरियाणा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी (HAU) हिसार में गुरुवार रात एक अभूतपूर्व बवाल खड़ा हो गया जब छात्राओं को आधी रात में हॉस्टल खाली करने के आदेश दे दिए गए। छात्राओं का आरोप है कि उन्हें पहले दिन में शुक्रवार तक का समय दिया गया, लेकिन शाम होते ही मेस का खाना बंद, हॉस्टल का पानी काटा और मुख्य गेट ताला डालकर बंद कर दिया गया।
गौरतलब है कि यह विवाद 10 जून से शुरू हुआ था, जब छात्राओं ने छात्रवृत्ति में कटौती का विरोध किया। इस पर प्रबंधन के साथ झड़प हुई, लाठीचार्ज तक हुआ और कई छात्र अस्पताल में भर्ती हुए। इसके बाद धरना चला, पेपर बायकॉट हुए और यूनिवर्सिटी ने समर वेकेशन घोषित कर दी। इसी क्रम में वार्डन ने अचानक हॉस्टल खाली करवाने का दबाव बढ़ा दिया।
छात्राओं ने बताया कि वार्डन निधि कंबोज ने वॉट्सऐप पर दो बार मैसेज भेजकर कहा कि “कल सुबह तक हॉस्टल खाली करो, सामान ले जाओ, जिम्मेदारी हमारी नहीं होगी।” रात में जब छात्राएं खाना लेने गईं तो मेस बंद मिला। गेट पर पुलिस बुलाने के बाद भी उन्हें अंदर खाना नहीं लाने दिया गया। रातभर छात्राएं गेट पर भूखी-प्यासी बैठी रहीं और वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर अपनी पीड़ा उजागर की।
यूनिवर्सिटी प्रशासन ने इसे हर साल का नियमित प्रोटोकॉल बताया। अनुसंधान निदेशक डॉ. राजबीर गर्ग ने कहा कि “सेशन खत्म हो चुका है, हॉस्टल की मरम्मत जरूरी है, गर्ल्स को घर जाना चाहिए।” हालांकि छात्राएं कहती हैं कि परीक्षा शेड्यूल साफ नहीं है और न ही कोई ठोस व्यवस्था बताई गई।
मामले ने तूल पकड़ा तो कांग्रेस सांसद रणदीप सुरजेवाला ने इसे “तानाशाही रवैया” बताते हुए सरकार पर हमला बोला। सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि “रात में बेटियों को बिना भोजन और आसरा छोड़ना, उनकी सुरक्षा से खिलवाड़ है।”
स्टूडेंट कमेटी ने आरोप लगाया कि यह सब 2 जुलाई से प्रस्तावित 25 दिन के बंद और धरने को रोकने की साजिश है। लाइब्रेरी तक बंद कर दी गई, ताकि कोई छात्र न ठहरे।
यूनिवर्सिटी के विवाद का इतिहास भी लंबा रहा—10 जून को वाइस चांसलर से मिलने गए छात्रों को रोकने पर झड़प हुई, लाठीचार्ज हुआ, केस दर्ज हुए और बाद में सरकार की कमेटी तक बनाई गई। सरकार ने कई मांगे मान लीं, मगर कुलपति बीआर कंबोज को हटाने की जिद पर आंदोलन जारी है।
छात्राएं कहती हैं कि “हमारा सेशन चल रहा है। आधी रात भूखे-प्यासे बाहर निकालना अमानवीय है।” वहीं प्रशासन और सरकार छात्रों को घर भेजने पर अड़ी है। इस बीच पूरे राज्य में मामला तूल पकड़ता जा रहा है।