➤ बिजली दरें चार गुना तक महंगी, पहले जहां 900 रुपए बिल आता था अब 4000 तक पहुंचा
➤ कारोबारियों ने अनिल विज को लिखा पत्र, बोले- उद्योग हरियाणा छोड़ने को मजबूर
➤ भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने भाजपा सरकार पर बोला हमला, कहा- जनता को लूट रही है सरकार
Haryana Electricity Tariff: हरियाणा में बिजली दरों में चुपचाप की गई भारी बढ़ोतरी ने आम लोगों और कारोबारियों दोनों को हिला कर रख दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने इस फैसले की कड़ी आलोचना करते हुए भाजपा सरकार को जनता विरोधी बताया और मांग की कि इस फैसले को तुरंत वापस लिया जाए। हुड्डा ने कहा कि अब 900-1000 रुपये तक का आने वाला बिजली बिल 4000-5000 तक पहुंच गया है, और यह वृद्धि बिना किसी सार्वजनिक घोषणा के 1 अप्रैल से लागू कर दी गई।
हुड्डा के अनुसार, पहले बिजली की दरें स्लैब वाइज थीं — जैसे 2.50 से 6.30 रुपये प्रति यूनिट, लेकिन अब 5 किलोवाट से अधिक लोड पर 6.50 से 7.50 रुपये प्रति यूनिट वसूला जा रहा है। साथ ही, 75 रुपये प्रति किलोवाट का फिक्स चार्ज भी जोड़ा गया है। यानी जिनके पास 10 किलोवाट का कनेक्शन है, उन्हें हर महीने 750 रुपये अतिरिक्त देने पड़ रहे हैं।
सिर्फ घरेलू उपभोक्ता ही नहीं, व्यवसायिक वर्ग भी इस महंगी बिजली से परेशान है। प्रदेश के कारोबारियों ने गृह मंत्री अनिल विज को पत्र लिखा है जिसमें कहा गया है कि अगर दरों में तुरंत संशोधन नहीं हुआ, तो उद्योगों को हरियाणा से पलायन करना पड़ेगा। इस खत में उद्योगपतियों ने चेताया है कि ऐसी बिजली नीति न केवल व्यापारिक वातावरण को नुकसान पहुंचा रही है, बल्कि राज्य के आर्थिक आधार को भी कमजोर कर रही है।
हुड्डा ने आगे कहा कि कांग्रेस सरकार के दौरान 4 थर्मल पावर प्लांट और 1 न्यूक्लियर पावर प्लांट की स्थापना की गई थी, जबकि भाजपा राज में एक भी नई बिजली यूनिट शुरू नहीं की गई। इसके बावजूद हर साल बिजली महंगी होती जा रही है, जबकि भाजपा शासन में बिजली उत्पादन की बजाय दरें बढ़ाना और छुपकर लाद देना आदत बन गई है।
इस बीच बिजली की भारी दरों, लोडशेडिंग और गर्मी की मार ने आम आदमी का जीना मुश्किल कर दिया है। कई जिलों में रोजाना 8 से 10 घंटे तक की बिजली कटौती और अब ये महंगे बिल — इन सबसे जनता का गुस्सा फूटने लगा है। हुड्डा ने जनता से आह्वान किया है कि वे इस जनविरोधी नीति का विरोध करें और कांग्रेस पूरी ताकत से जनता के साथ खड़ी रहेगी।