- नूना माजरा में ACP दिनेश कुमार नै रुकवाई काली थार, छोरे ने तै चालान तै डरकै गाड़ी भगाई।
- एक घंटे ताई गाड़ी में घुस के बैठा रह्या, फोन घुमाके बचन की करदा रह्या कोशिश।
- आखिर महिला पुलिस आई, चालान कट्या और छोरा बन्या सीधा।
Thar Youth Drama: झज्जर के बहादुरगढ़ में एक छोरा काली थार लेकै दिल्ली तै आया होया था। गाड़ी UP नंबर की थी – UP14 FB 2626। एसीपी दिनेश कुमार ने नूना माजरा मंदिर के सामने गाड़ी रोक ली, कारण – सीट बेल्ट ना बांध रखी थी और शीशे पे काली फिल्म चढ़ी पड़ी थी।
छोरे ने पहले चालान की बात पे बहस कर दी और बोला – “ऑनलाइन काट लो चालान”। एसीपी बोले – “ऑनलाइन ना, डाक्यूमेंट दिखा चालान कटेगा”।
फेर छोरा अपनी थार की तरफ गया, और गाड़ी भगा ले गया।
भगा ले गया पर बचा ना
पुलिस ने फेर पीछा कर दिया। टाटा होम्स के पास थार रोक ली। पर छोरा भी कम ना था – एक घंटे तक गाड़ी लॉक कर कै अंदर बैठा रह्या। बाहर फोन घुमाता रह्या, कुछ लोगन नै बुलाने की भी कोशिश करी। गाड़ी में दो छोऱियां भी बैठी रहीं।
इतनी देर में जाम लग गया, भीड़ जमा हो ली, और ट्रैफिक ठप हो गया। पुलिस नै फेर थाने तै महिला सिपाही बुला ली। जब वो आई तो छोरा थार तै उतरा। फेर ACP दिनेश कुमार नै चालान काटया – ब्लैक फिल्म और सीट बेल्ट ना लगाने का।
“गाड़ी तो बड़ी थी, पर अक्ल ना थी” — पब्लिक नै कही बात
मौके पर जमा भीड़ नै छोरे की हरकत पे खूब फटकार करी। एक बुजुर्ग बोले – “अरे यो छोरा तै सड़क नै मयखाना समझ बैठा, थार मिलगी तो कानून तै ऊपर हो जागा के?”
कई लोग बोले – “एसीपी साहब नै बढिया काम करया, ना डरें फोन तै, ना झुकें धौंस तै।”