- गुरुद्वारा नानक दरबार साहिब मॉडल टाउन समालखा में होगा धार्मिक समागम
- 6वें गुरु श्री हरगोबिंद साहिब जी के प्रकाश पर्व पर सजेंगे दिव्य दीवान
- कमेटी प्रधान बोले— धर्म की रक्षा सिर्फ भक्ति से नहीं, वीरता भी जरूरी
समालखा, अशोक शर्मा: समालखा के मॉडल टाउन स्थित गुरुद्वारा नानक दरबार साहिब में 12 जून को सिख समुदाय 6वें गुरु श्री हरगोबिंद साहिब जी का 530वां प्रकाश पर्व श्रद्धा और सम्मान के साथ मनाने जा रहा है। इस पावन अवसर पर धार्मिक दीवान सजाए जाएंगे, जहां अमृतवाणी सत्संग और कीर्तन का आयोजन किया जाएगा। इसमें क्षेत्र भर की संगत भाग लेगी।
गुरुद्वारा कमेटी के प्रधान जगतार सिंह बिल्ला ने जानकारी दी कि श्री गुरु हरगोबिंद साहिब जी ने दिखाया कि धर्म की रक्षा केवल सिमरन और भक्ति से नहीं, बल्कि साहस और शस्त्रबल से भी होती है। उन्होंने बताया कि गुरु साहिब ने कृपाण उठाकर अत्याचारियों के खिलाफ जंग लड़ी, 52 पहाड़ी राजाओं को मुगलों की कैद से मुक्त कराया और लोगों में आत्मबल और न्याय की चेतना भरी।
जगतार सिंह बिल्ला ने बताया कि गुरु हरगोबिंद जी ने सिखों में इच्छाशक्ति, आत्मविश्वास और संगठन का भाव जगाया। उन्होंने ‘अकाल तख्त’ की स्थापना अमृतसर में की, जो स्वर्ण मंदिर के सामने स्थित है। ‘अकाल बुंगा’ नामक इमारत से उन्होंने आध्यात्म और शक्ति का संगम प्रस्तुत किया।
उन्होंने सिख अनुयायियों को सिखाया कि धर्म की रक्षा सिर्फ उपदेशों से नहीं, बल्कि जब ज़रूरत हो तो शस्त्र उठाकर भी करनी चाहिए। यह परंपरा आगे चलकर गुरु गोबिंद सिंह जी के समय तक मजबूत होती चली गई।
इस आयोजन में गुरुद्वारा कमेटी के सदस्य शाम सिह, गुरजीत सिंह, हिमांशु भोला, जीवन सिंह और तिलक चौपड़ा सहित अन्य प्रमुख संगत भी उपस्थित रहे।