Gurugram में एक युवक को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा, और इसका कारण बना एक टॉक्सिक वर्क एन्वायरनमेंट और उसके बॉस का अत्यधिक हस्तक्षेप। युवक ने अपनी पूरी कहानी सोशल मीडिया पर साझा की, जो तेजी से वायरल हो रही है।
युवक ने स्टार्टअप कंपनी में जॉइन किया था और तीसरे दिन ही बॉस ने उसे एटीट्यूड प्रॉब्लम का आरोप लगा दिया। बॉस ने कहा, “तुम डाउन टू अर्थ नहीं हो और तुम्हारी एटीट्यूड प्रॉब्लम है।” युवक ने अपने बर्ताव को सुधारने का वादा किया, लेकिन वह समझ नहीं पाया कि बॉस क्यों ऐसा कह रहे थे।
इसके बाद, जब युवक और दो नए कर्मचारी साथ में चाय और स्मोकिंग के लिए जाते थे, तो बॉस को यह भी पसंद नहीं आया। उसने कहा, “यहां ग्रुप क्रिएट मत करो, यह हमारी कंपनी के लिए ठीक नहीं है।” बॉस को युवक के 7 बजे ऑफिस छोड़ने पर भी आपत्ति थी, जबकि युवक का मानना था कि यह उसका रूटीन है और इससे कंपनी को कोई फर्क नहीं पड़ना चाहिए।
केबिन से काम करने का दबाव और फिर टर्मिनेशन
कंपनी के डायरेक्टर ने युवक से कहा कि वह अपने डेस्क के बजाय उनके केबिन से काम करे, लेकिन युवक ने सवाल उठाया कि कौन पूरा दिन बॉस के केबिन में बैठकर काम करता है? एक दिन, जब युवक ने केबिन से बाहर देख लिया, तो बॉस गुस्से में आ गए और HR से उसे टर्मिनेट करने का आदेश दे दिया।
युवक की पोस्ट के बाद सोशल मीडिया पर यूजर्स का गुस्सा फूट पड़ा। कई यूजर्स ने कंपनी का नाम जानने की मांग की, ताकि अन्य युवा उस टॉक्सिक वर्क कल्चर से बच सकें। लोगों ने सलाह दी कि, “पैसे कम मिलें, तो भी ऐसी जगह काम करो जहां सम्मान और सही बर्ताव मिले।