सिरसा सत्र न्यायालय में हुए एक मामले में एक व्यक्ति द्वारा फर्जी मेडिकल रिपोर्ट प्रस्तुत करके आरोपी की जमानत जारी करने का प्रयास करने का मामला सामने आया है। अधिकारियों ने जांच करते हुए इस धांधली को स्वीकारा है और आरोपी के खिलाफ कानूनी कदम उठाए हैं।
वहीं अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश ने आरोपी की जमानत रद्द कर उसके खिलाफ कानूनी कदम उठाए हैं। उन्होंने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है और उसकी जमानत बॉन्ड जब्त कर ली है। इसके बाद सिविल लाइन थाना पुलिस ने आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया है। जिसमें उसे कोर्ट को गुमराह करने और धोखाधड़ी करने का आरोप लगा है। मामले में खुलासा हुआ कि आरोपी ने एक जालसाजी साजिश के तहत एक फर्जी मेडिकल रिपोर्ट पेश की थी, जिसमें एक डॉक्टर की नकली साइन शामिल थे। इसके बाद जज ने रिपोर्ट में गड़बड़ी की खोज की और जांच के दौरान पंचकूला सिविल अस्पताल के कार्यरत डॉक्टर शालिनी शर्मा से मिलकर पता किया कि रिपोर्ट में उसके साइन नहीं है।
छूट की मांग को कोर्ट ने ठुकराया
डॉक्टर शालिनी ने जानकारी देते हुए कहा कि वह डाक्टर साइन नहीं किए गए हैं और रिपोर्ट में उसके साइन झूठे है। कोर्ट ने इस पर आरोपी को बुधवार को कहा कि वह अपने मूल ओपीडी कार्ड सहित 30 सितंबर को पुनः कोर्ट में पेश हो। 30 सितंबर को भी आरोपी ने मेडिकल रिपोर्ट प्रस्तुत की और छूट की मांग की, लेकिन कोर्ट ने इसे ठुकरा दिया और सिविल हॉस्पिटल के मुख्य चिकित्सा अधिकारी से जांच करवाने का आदेश दिया। जांच में पता चला कि रिपोर्ट झूठी थी और उसे सिविल हॉस्पिटल के किसी डॉक्टर ने नहीं बनाया था।