Kisan Andolan 2 Live Updates : संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के बैनर तले किसान बुधवार से हरियाणा-पंजाब के शंभु बॉर्डर और जिला पटियाला जिले में एक रेल ट्रैक पर बैठे हैं। इस दौरान किसान गिरफ्तार किए गए 3 किसानों की रिहाई की मांग कर रहे थे। वहीं हरियाणा पुलिस और रेलवे अधिकारियों ने कहा कि शंभू रेलवे स्टेशन पर नाकाबंदी के कारण 81 से अधिक ट्रेनों की आवाजाही प्रभावित हुई हैं, क्योंकि उन्हें या तो डायवर्ट किया गया, रद्द कर दिया गया या शॉर्ट टर्मिनेट कर दिया गया। रेल परिचालन बाधित होने से रेल यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा।
गौरतलब है कि पंजाब-हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसान बुधवार से शंभु रेलवे स्टेशन पर रेलवे ट्रैक पर बैठे हुए हैं। ट्रैक जाम होने की वजह से 81 से अधिक ट्रेन प्रभावित हुई हैं। इसके अलावा कई ट्रेनों को पूरी तरह से कैंसिल किया गया है, जबकि कई ट्रेनों के रूट डायवर्ट किए गए हैं तो कुछ के रूट शॉर्ट किए गए हैं। जिसकी वजह से यात्रियों को भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है। वहीं किसान सरकार से युवा नेता नवदीप सिंह जलबेड़ा सहित 3 किसानों की रिहाई की मांग कर रहे हैं। इस संबंध में पहले उनकी हरियाणा और पंजाब सरकार से बैठक हो चुकी है। जिसके बाद किसानों को रिहाई का भरोसा दिया गया था। बता दें कि किसानों ने भी इस मामले में सरकार को 16 अप्रैल तक का समय दिया था। सरकार ने रिहाई नहीं की तो वह ट्रैक पर उतर आए। पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की, जिससे पुलिस-किसानों की धक्कामुक्की हुई। इस दौरान किसानों ने बैरिकेडिंग तोड़ दी और ट्रैक पर बैठ गए।

बताया जा रहा है कि लगभग 2000 किसान बुधवार 12 बजे के करीब शंभू रेलवे स्टेशन पर पहुंचे। ऐसे में अंबाला कैंट रेलवे स्टेशन से गुजरने वाली 81 ट्रेनों का आवागमन प्रभावित हुआ। इस दौरान सुरक्षा कारणों से 18 ट्रेनें पूर्ण रूप से रद्द कर दी गई, जबकि 8 ट्रेनों को बीच रास्ते में रद्द करना पड़ा। वहीं 9 ट्रेनों को बीच रास्ते में रोककर वापस लौटाया गया। इसके अलावा 46 ट्रेनों को बदले मार्ग से गंतव्य की ओर रवाना किया गया। ट्रेनों का संचालन प्रभावित होने से रेलयात्रियों को विभिन्न मुश्किलों का सामना करना पड़ा।
बता दें कि पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत शंभू बार्डर पर बुधवार की सुबह से ही किसानों का तांता लगा रहा। प्रदेश के विभिन्न जिलों से परिवार सहित किसान यहां जमा हुए। इसके बाद दोपहर करीब 12 बजे किसानों ने अंबाला-लुधियाना रेल मार्ग बाधित कर दिया। इससे पहले पंजाब पुलिस के जवानों ने किसानों को रोकने की काफी कोशिश की, लेकिन वह कामयाब नहीं हो पाए। किसानों की भीड़ देखकर पुलिस के हौसले पस्त हो गए और देखते ही देखते लगभग 2000 किसान शंभू रेलवे स्टेशन के अंदर घुस गए और फिर रेलवे ट्रैक पर बेमियादी धरना शुरू कर दिया। दूसरी ओर ट्रेनों का संचालन बाधित होने से अंबाला स्टेशन पर भी यात्री परेशान नजर आए। पूछताछ केंद्र पर यात्रियों की भीड़ लगी रही।
आंदोलन की अगुआई कर रहे किसान नेता सरवन सिंह पंधेर का कहना है कि बुधवार दोपहर साढ़े 12 बजे से धरना चल रहा है। यह धरना आगे भी चलता रहेगा। एक राउंड की बात डीआईजी रेंज पटियाला और एसएसपी पटियाला से हुई, जिसमें सहमति नहीं बनी। उसके बाद कोई बात नहीं हुई। उन्होंने कहा कि किसानों को आसानी से रिहा किया जा सकता है, लेकिन हरियाणा और केंद्र की सरकार अहंकारी है। यह हरियाणा को उठने नहीं देना चाहते। नौजवानों को इस लहर में शामिल होने से रोक रहे हैं। सरवन सिंह पंधेर का कहना है कि हम नहीं चाहते कि रेलवे ट्रैक जाम हो, लेकिन केंद्र सरकार इसके लिए किसानों को मजबूर कर रही है।
वहीं किसान नेता जगजीत डल्लेवाल का कहना है कि सरकार ने भरोसा देकर भी उन्हें रिहा नहीं किया। हमारा किसान साथी जेल में मरणव्रत पर बैठा है। जब तक सरकार उसे रिहा नहीं करती, हम ट्रैक खाली नहीं करेंगे। अगर सरकार अभी रिहा कर दे तो हम 10 मिनट में हट जाएंगे। आम लोगों की परेशानी को लेकर डल्लेवाल ने कहा कि हमारा साथी जिंदगी और मौत की लड़ाई लड़ रहा है, इसमें लोग हमें सहयोग करें।
गौरतलब है कि संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) एवं किसान-मजदूर मोर्चा के आह्वान पर 13 फरवरी से किसान आंदोलनरत हैं। इस दौरान पुलिस कई किसान नेताओं को गिरफ्तार कर चुकी है। पहले पुलिस ने अनीश खटकड़ को गिरफ्तार किया। वह जींद जेल में बंद हैं। 28 मार्च को अंबाला पुलिस ने युवा किसान नेता नवदीप सिंह जलबेड़ा और गुरकीरत सिंह को गिरफ्तार किया। यह दोनों अंबाला सेंट्रल जेल में हैं। किसानों की मांग है कि किसान नेताओं को जल्द रिहा किया जाए।