किसानों(Farmers) का आंदोलन पंजाब-हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर जारी है। उन्होंने शंभू रेलवे स्टेशन पर रेलवे ट्रैक(Railway Track) जाम कर दिया है। यह आंदोलन एक नेता नवदीप सिंह जलबेड़ा समेत 3 किसानों की रिहाई की मांग के साथ शुरू हुआ था। इससे पहले उन्होंने हरियाणा और पंजाब सरकार से मीटिंग की थी, लेकिन रिहाई नहीं मिली तो वे ट्रैक पर उतर आए। इस आंदोलन के दौरान पुलिस(Police) और किसानों के बीच मारपीट हुई, बैरिकेडिंग(Barricade) भी तोड़ी, जिससे गतिरोध बढ़ा।
किसानों ने सरकार से 16 अप्रैल तक का समय दिया था, लेकिन रिहाई नहीं मिली तो उन्होंने अपने आंदोलन को और भी तेज कर दिया। किसान नेता जगजीत डल्लेवाल ने कहा कि उनका साथी जेल में मरणव्रत पर बैठा है, और जब तक सरकार उसे रिहा नहीं करेगी, वे ट्रैक खाली नहीं करेंगे। उन्होंने आम लोगों से भी सहयोग की अपील की, क्योंकि उनके साथी जिंदगी और मौत की लड़ाई लड़ रहे हैं। किसान नेता सरवण सिंह पंधेर ने कहा कि आंदोलन की अगुआई करना सरकार का फेलियर है। उन्होंने कहा कि रेल रोको आंदोलन अनिश्चितकाल के लिए जारी रहेगा।
वह बताते हैं कि आंदोलन में विपक्षी दलों से भी सवाल पूछे जाएंगे, और उन्हें देश को डब्लयूटीओ से बाहर निकालने के बारे में भी पूछा जाएगा। यहां तक कि विपक्षी दलों के साथ भी कुछ मांगों पर क्लियर नहीं किया गया है। उनमें मनरेगा में काम के दिनों और वेतन की मांग भी शामिल है।
13 फरवरी से जारी आंदोलन
किसान नेता पंधेर ने बताया कि उन्होंने भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सुनील जाखड़ का चैलेंज कबूल किया है, और वे अपनी मांगों के लिए 23 अप्रैल को भाजपा के शीर्ष नेताओं से मिलने का इंतजाम कर रहे हैं। यह आंदोलन 13 फरवरी से जारी है और कई किसान नेताओं को पुलिस ने गिरफ्तार भी किया है। पहले अनीश खटकड़ को गिरफ्तार किया गया था और उन्हें जींद जेल में बंद कर दिया गया है। 28 मार्च को अंबाला पुलिस ने युवा किसान नेता नवदीप सिंह जलबेड़ा और गुरकीरत सिंह को गिरफ्तार किया था और वे अंबाला सेंट्रल जेल में हैं।