आशा वर्कर्स अपनी मांगों को लेकर पिछले 37 दिन से धरना प्रदर्शन कर रही है। ऐसे में आज अंबाला में आशा वर्कर्स ने गृहमंत्री अनिल विज को अपनी मांगों को ज्ञापन सौंपना था, लेकिन इस बीच आशा वर्कर्स को गृहमंत्री अनिल विश्व से मिलने नहीं दिया गया और बीच में ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। इस बात की जानकारी मिलते ही यमुनानगर में आशा वर्कर्स ने प्रदर्शन करते हुए जमकर बवाल काटा।
प्रदर्शन के दौरान पुलिस और आशा वर्कर्स के बीच धक्का मुखी भी देखने को मिली। आशा वर्कर्स बैरिकेड को तोड़कर नेशनल हाईवे पर बैठ गई और सड़क को जाम कर दिया। पुलिस के मुताबिक करीब आधे घंटे तक नेशनल हाईवे बाधित रहा। मीडिया से बात करते हुए घायल आशा वर्कर पूजा ने बताया कि सरकार आशा वर्कर के साथ दमनकारी नीति अपना रही है। आशा वर्कर अपनी मांगों को लेकर शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रही है, लेकिन ऐसे में पुलिस प्रशासन आशा वर्कर के साथ गलत व्यवहार कर रहा है।

28 अगस्त को भी किया था लाठी चार्ज
आशा वर्कर पूजा ने कहा कि 28 अगस्त को भी इसी तरीके से पुलिस ने आशा वर्कर्स के ऊपर लाठी चार्ज किया था। जिसमें एक आशा वर्कर पारुल की जान चली गई। आज भी पुलिस ने हमारे ऊपर लाठी और डंडे से प्रहार किया लगभग करीब एक दर्जन के करीब आशा वर्कर्स को चोट लगी हैं। उन्होंने कहा कि जब तक हमारे सभी मांगों को पूरा नहीं किया जाता तब तक हमारा धरना प्रदर्शन ऐसे ही जारी रहेगा।
डीएसपी जगाधरी दल-बल के साथ पहुंचे मौके पर
हाईवे जाम होने की सूचना मिलते ही डीएसपी जगाधरी दल बल के साथ मौके पर पहुंचे और प्रदर्शनकारी आशा वर्कर्स को समझने का काम किया। इस बीच एक डेलिगेशन उच्च अधिकारियों से मिलने के लिए गया। जिसमें अंबाला में गिरफ्तार हुई आशा वर्कर्स को रिहा करने की मांग की गई। जिसके बाद अधिकारियों ने आश्वासन दिया और विश्वास दिलाया कि गिरफ्तार की गई महिलाओं को छोड़ दिया गया है। इसके बाद आशा वर्कर्स ने आशा वर्कर्स ने प्रदर्शन को समाप्त किया। आशा वर्कर्स के साथ हुई धक्का मुक्की के सवालों पर डीएसपी अभिलक्ष ने बताया कि अभी तक उनके संज्ञान में ऐसा कोई मामला नहीं आया है। अगर कोई मामला आता है, तो गंभीरता से इस मामले पर जांच की जाएगी।