हरियाणा के गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज और सीएमओ के बीच स्वास्थ्य विभाग के कामकाज को लेकर चल रहा विवाद आखिरकार 64 दिन बाद हल हो गया है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल के हस्तक्षेप के बाद ही इस विवाद को सुलझाया गया है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल के साथ 7 दिसंबर को हुई बैठक में स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज की शर्तों को मान लिया गया है।
गौरतलब है कि स्वास्थ्य विभाग की महानिदेशक डॉ. सोनिया त्रिखा खुल्लर को आउट कर दिया गया है। माना जा रहा है कि सोनिया त्रिखा मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव एवं सेवानिवृत्त आईएएस राजेश खुल्लर की पत्नी अब 10 दिन के अवकाश पर जा रही हैं। इसके बाद उन्हें किसी दूसरे महकमे में मुख्य जिम्मेदारी दी जा सकती है। डॉ. सोनिया की जगह अब डॉ. आरएस पूनिया को महानिदेशक की जिम्मेदारी मिल सकती है।
विधानसभा में विधायकों के सवालों का जवाब भी देंगे अनिल विज
अब मुख्यमंत्री मनोहर लाल के आश्वासन के बाद स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज का कहना है कि वह सीएम के आश्वासन से संतुष्ट हैं। सोमवार से विभाग का कामकाज देखना शुरू कर देंगे। इसके अलावा विधानसभा में विधायकों के सवालों का जवाब भी देंगे। बता दें कि इस विवाद के कारण करीब 64 दिन स्वास्थ्य विभाग का कामकाज प्रभावित रहा। सरकारी डॉक्टर हड़ताल पर रहे, जिसकी वजह से स्वास्थ्य सेवाएं भी प्रभावित हुईं।
बता दें कि मुख्य प्रधान सचिव सेवानिवृत्त आईएएस राजेश खुल्लर ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की समीक्षा बैठक की थी। जिसकी स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज को कोई जानकारी नहीं थी। इसी बात को लेकर अनिल विज सीएमओ से नाराज चल रहे थे। उन्होंने विभाग से किनारा करते हुए कामकाज को देखना बंद कर दिया था।
दिल्ली हाईकमान तक पहुंच गया था विज और सीएमओ विवाद
बता दें कि स्वास्थ्य विभाग में सोनिया त्रिखा खुल्लर की दखलअंदाजी होने के कारण स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज नाराज चल रहे थे। उन्होंने मामले की शिकायत मुख्यमंत्री मनोहर लाल और प्रदेशाध्यक्ष को भी की थी। बात सिर्फ यहीं तक नहीं रूकी, बल्कि मंत्री अनिल विज और सीएमओ के विवाद का मामला पार्टी हाईकमान तक दिल्ली पहुंच गया। बताया जा रहा है कि विज ने भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ के जरिए हाईकमान से मामले में हस्तक्षेप की मांग की। इसके साथ ही स्वास्थ्य मंत्री ने अंबाला में आरएसएस के प्रांत प्रचारक विजय कुमार से मुलाकात कर मामले पर बातचीत की।
हाईकमान की ओर से सीएम को दिए गए थे खास निर्देश
मामले को सुलझाने के लिए हाईकमान की ओर से खास निर्देश दिए गए थे। सूत्रों के अनुसार केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी मामले में हस्तक्षेप किया था। वहीं विवाद में बढ़ती विज की तल्खी के कारण उनकी ओर से शीतकालीन सत्र में शामिल नहीं होने के संकेत दिए गए थे। जिस पर विपक्षी दल कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और इनेलो की ओर से लगातार कटाक्ष चल रहे थे। इनेलो नेता अभय चौटाला की ओर से विधानसभा सत्र में इस मसले पर सरकार से जवाब मांगने की बात सामने आई थी। कांग्रेस भी मामले को उछालने में सतर्क थी। मुख्यमंत्री के लिए विधानसभा सत्र से पहले इस मामले का निपटारा करना आवश्यक हो गया था।
विवाद निपटाने के लिए दो बैठकों का सहारा
स्वास्थ्य विभाग को लेकर बने विवाद को दूर करने के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल और अनिल विज के बीच दो बैठक हुई। पहली बैठक 15 नवंबर को मुख्यमंत्री निवास पर मनोहर लाल और स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के बीच हुई। जिसमें काफी समय तक वार्ता हुई थी। इस दौरान अनिल विज ने पूरे तथ्यों के साथ मामले को सीएम के समक्ष रखा था। इसके बाद भी विवाद का हल नहीं निकलने पर अनिल विज ने स्वास्थ्य विभाग को छोड़ने की बात कही थी।
यह बात सुर्खियां बनने पर मुख्यमंत्री ने फिर से 7 दिसंबर को अनिल विज के साथ बैठक की। इस दौरान भी अनिल विज ने स्वाथ्स्य विभाग की महानिदेशक डॉ. सोनिया खुल्लर की कार्यप्रणाली पर नाराजगी जताई थी। चर्चा है कि विज ने मुख्यमंत्री से सोनिया खुल्लर को हटाने की मांग की, जिसके बाद शनिवार सुबह मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अनिल विज की मांग को पूरा करने के लिए हरी झंडी दे दी है।