हरियाणा के स्वास्थ्य और परिवहन मंत्री अनिल विज ने हाल ही में सोशल मीडिया पर 17 तस्वीरों के साथ आशीष तायल को ‘गद्दार’ कहा, जिनसे वह पहले बहुत करीबी रिश्ते में थे। इस विवाद के बाद भाजपा ने तायल को अंबाला जिला कोषाध्यक्ष पद से हटा दिया।
आशीष तायल, जो पिछले 16 साल से भाजपा से जुड़े हुए हैं, के साथ विज के रिश्ते बिगड़े जब अस्पताल की NOC को लेकर दोनों के बीच अनबन हो गई। विज ने अपनी पोस्ट में तायल को नायब सैनी के साथ दिखाई गई तस्वीरों के आधार पर गद्दार कहा और सवाल उठाया कि विधानसभा चुनाव में भाजपा विरोधी कार्यकर्ताओं के साथ क्यों थे।
आशीष तायल की राजनीतिक यात्रा
आशीष तायल का जन्म करनाल जिले के कुंजपुरा गांव में हुआ था। उन्होंने 1995 में ABVP से जुड़कर कॉलेज अध्यक्ष का चुनाव जीता। 2009 में भाजपा जॉइन करने के बाद विज के करीबी सहयोगी बने और 2013 में भाजपा के टिकट पर अंबाला नगर निगम के पार्षद पद का चुनाव लड़ा।

विज की सिफारिश पर तायल को 2013 में पार्षद का टिकट मिला और वे विज के साथ लंबे समय तक रहे। लेकिन 2014 में अस्पताल के निर्माण को लेकर NOC पर विवाद हुआ, जिससे दोनों के रिश्ते बिगड़ने लगे। इसके बाद तायल ने नायब सैनी के साथ नजदीकी बढ़ाई।
विज और तायल के बीच का विवाद
2014 के बाद से तायल और विज के रिश्ते लगातार तनावपूर्ण होते गए। जब तायल भाजपा के अन्य नेताओं के संपर्क में आए, तो विज ने उन्हें गद्दार करार दिया। विज ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर आरोप लगाया कि तायल भाजपा के विरोधी कार्यकर्ताओं के साथ थे और विधानसभा चुनाव में भी उनकी मुखालफत की।
तायल ने इस आरोप का जवाब देते हुए कहा कि वह भाजपा का सच्चा कार्यकर्ता हैं और उन्होंने अंबाला छावनी में भाजपा के लिए कड़ी मेहनत की। उनका कहना था कि तस्वीरों में जो कार्यकर्ता दिख रहे हैं, वे भाजपा के थे, लेकिन चुनाव के बाद कुछ कार्यकर्ता कांग्रेस में शामिल हो गए थे।