Faridabad नाजायज चालान के विरोध में और एनसीआर परमिट की मांग को लेकर फरीदाबाद ऑटो रिक्शा ड्राइवर यूनियन (सीटू) ने मंगलवार को जोरदार प्रदर्शन किया। हजारों की संख्या में ऑटो चालक बदरपुर बॉर्डर से डीसी ऑफिस तक पहुंचे और सात सूत्रीय मांगों का ज्ञापन डीसी विक्रम सिंह को सौंपा। प्रदर्शन का नेतृत्व यूनियन के प्रधान भोपाल सिंह और महासचिव घनश्याम ने किया। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि एक महीने के भीतर उनकी मांगों का समाधान नहीं हुआ और नाजायज चालान बंद नहीं हुए, तो बड़े आंदोलन की शुरुआत की जाएगी।
इन मांगों को लेकर किया प्रदर्शन
ऑटो चालकों ने मांग उठाई कि सभी केंद्रों पर ऑटो स्टैंड का निर्माण हो और इन स्टैंडों पर लेबर शेड, बाथरूम और विश्राम गृह जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं। पुलिस और प्रशासन द्वारा नाजायज चालान काटने पर प्रतिबंध लगाया जाए। ऑटो ड्राइवरों के लिए कमर्शियल लाइसेंस हेतु अलग से विंडो खोली जाए। फरीदाबाद के ऑटो ड्राइवरों को पूरे एनसीआर में ऑटो चलाने के लिए आरटीओ परमिट दिया जाए। सार्वजनिक बैंकों से ऑटो खरीदने के लिए लोन की सुविधा उपलब्ध कराई जाए। ड्राइवरों के लिए सामाजिक सुरक्षा बोर्ड का गठन किया जाए। दुर्घटना में मृत्यु पर 20 लाख का मुआवजा और अपंगता की स्थिति में 10 लाख का मुआवजा दिया जाए। 60 वर्ष की उम्र के बाद 10,000 रुपये मासिक पेंशन की व्यवस्था की मांग उठाई गई। भारतीय न्याय संहिता में ड्राइवरों के लिए 10 साल की सजा और 7 लाख रुपये जुर्माने के प्रावधान को तुरंत रद्द करने की भी मांग उठाई गई।
संगठन के नेताओं सुभाष लाम्बा, जय भगवान, निरंतर पराशर और वीरेंद्र डंगवाल ने सरकार और प्रशासन पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि 40 हजार से अधिक ऑटो रिक्शा चालकों की हालत बदतर है। हर रोज नाजायज चालान काटे जा रहे हैं और एनसीआर में ऑटो ले जाने की अनुमति नहीं दी जा रही। यूनियन नेताओं ने मांग की कि राज्य सरकार केरल की तर्ज पर सामाजिक सुरक्षा कानून बनाए और ड्राइवरों को ब्याज मुक्त लोन की सुविधा दी जाए। डीसी विक्रम सिंह ने प्रदर्शनकारियों को आश्वस्त किया कि जल्द ही आरटीओ अधिकारियों और यूनियन के नेताओं के बीच बैठक आयोजित की जाएगी और जायज़ मांगों का समाधान किया जाएगा।