(समालखा से अशोक शर्मा की रिपोर्ट) Gurdwara Nanak Darbar Sahib माडल टाऊन में बाबा दीप सिंह जी का 343वां जन्म दिवस धूमधाम और श्रद्धा के साथ मनाया गया। इस मौके पर पाँच वाणियों और सुखमणी साहिब के पाठ किए गए, जो संगत को गहरी आध्यात्मिक ऊर्जा प्रदान करने का माध्यम बने।
गुरुद्वारा कमेटी के प्रधान जगतार बिल्ला ने इस अवसर पर बाबा दीप सिंह जी के जीवन और उनके अद्भुत बलिदान को याद किया। बाबा दीप सिंह न केवल एक वीर योद्धा थे, बल्कि एक महान विद्वान भी थे। मुगलों के खिलाफ लड़ते हुए उन्होंने शहादत दी, और अपनी अद्वितीय वीरता से इतिहास में अमिट छाप छोड़ी। कहा जाता है कि उन्होंने एक हाथ में अपना सिर और दूसरे हाथ में तलवार लेकर दुश्मनों को पराजित किया था। उनका यह शौर्य हरमंदिर साहिब के समक्ष अपने सिर को चढ़ाने के बाद शहादत में परिणत हुआ।
इस अवसर पर बड़ी संख्या में संगत मौजूद रही, जिन्होंने बाबा दीप सिंह जी की वीरता और बलिदान को श्रद्धा सुमन अर्पित किए। उनके जीवन का यह अद्वितीय उदाहरण आज भी हर सिख के दिल में जीवित है, जो उनकी शहादत और समर्पण को सच्ची श्रद्धांजलि है।