Haryana प्रदेश व्यापार मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष और हरियाणा राज्य उपभोक्ता सहकारी थोक भंडार संघ लिमिटेड (CONFED) के पूर्व चेयरमैन बजरंग दास गर्ग ने सरकारी विभागों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि सरकारी विभाग भ्रष्टाचार का अड्डा बन चुके हैं और वहां खुलेआम रिश्वत की लेन-देन हो रही है।
370 भ्रष्ट पटवारियों की सूची एक ट्रेलर
बजरंग दास गर्ग ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि हरियाणा में लगभग 370 भ्रष्ट पटवारियों की सूची का खुलासा केवल एक “ट्रेलर” है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को तहसील, नगर निगम, आबकारी एवं कराधान, और मार्केट बोर्ड जैसे विभागों में भ्रष्ट अधिकारियों की जांच करनी चाहिए, क्योंकि इन विभागों में रिश्वतखोरी का खेल चल रहा है।
अधिकारियों ने छोड़े दलाल
गर्ग ने आरोप लगाया कि सरकारी अधिकारियों ने भ्रष्टाचार के लिए दलालों को छोड़ रखा है। वे यह दावा करते हुए बोले कि, “जो व्यक्ति रिश्वत देता है, उसका काम हो जाता है, जबकि बाकी प्रदेश के लाखों लोग अपनी जायज़ समस्याओं को हल कराने के लिए चक्कर काटते रहते हैं।”
तहसील और मार्केट कमेटियों में भ्रष्टाचार
उन्होंने यह भी बताया कि तहसील में बिना पैसे के न तो रजिस्ट्री होती है और न ही इंतकाल। इसी तरह का भ्रष्टाचार मार्केट कमेटियों में भी है, जहां किसान की हर फसल की बिक्री पर सरकारी अधिकारी प्रति क्विंटल कमीशन लेते हैं। इसके अलावा, मंडियों में आढ़तियों से अनाज की बोरियां उठाने के नाम पर भी पैसे वसूले जा रहे हैं।
हरियाणा की झोली रही खाली, बजट में कोई राहत नहीं
बजरंग दास गर्ग ने केंद्रीय बजट पर भी नाराजगी जताई और कहा कि इस बार हरियाणा की झोली पूरी तरह से खाली रही। उन्होंने कहा कि जीएसटी में किसी प्रकार की राहत नहीं दी गई और विशेष रूप से कपड़ों पर जीएसटी लागू होने का विरोध किया। “भाजपा सरकार ने लोगों के मुंह से निवाला छीनने का काम किया है,” उन्होंने कहा। इसके अलावा, व्यापारियों को जीएसटी में छूट मिलने की उम्मीद थी, लेकिन वह पूरी नहीं हुई, जिससे व्यापारी समुदाय को निराशा हाथ लगी।
बजरंग दास गर्ग ने सरकारी विभागों में फैले भ्रष्टाचार को लेकर सरकार और अधिकारियों पर कड़ी आलोचना की है। उन्होंने भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की आवश्यकता जताई और केंद्रीय बजट में हरियाणा को कोई विशेष राहत न मिलने पर भी सरकार को घेरा।