Bhiwani पशुपालन विभाग द्वारा 21वें पशुधन गणना अभियान की शुरुआत कर दी गई है। इसके लिए भिवानी जिला में घर-घर जाकर एक व्यापक सर्वेक्षण से पशुगणना की जाएगी। पशुगणना के लिए गांवो में 79 तथा शहरों में 15 जिले में कुल 94 पशुगणक व 20 सुपरवाइजर लगाए गए हैं। उन्होंने बताया कि पशु गणना का कार्य 31 मार्च 2025 तक पूरा कर लिया जाएगा।
गौरतलब होगा कि पशुगणना पशुपालन हित में नीति निर्माण और पशुपालन क्षेत्र में विभिन्न कार्यक्रमों के कार्यान्वयन के लिए महत्वपूर्ण कार्य करता है। इस पशु गणना में पूरे प्रदेश में घर-घर जाकर एक व्यापक सर्वेक्षण किया जाएगा, जिसमें पालतू जानवरों और पोल्ट्री के बारे में आंकड़े एकत्र किए जाएंगे।
हर पांच साल के अंतराल में पूरे देश में पशुधन गणना का कार्य किया जाता है
इस गणना में पशुधन की विभिन्न प्रजातियां जैसे गाय, भैंस, भेड़, बकरी, सुअर, ऊंट, घोड़ा आदि के अलावा पोल्ट्री पक्षियों की गिनती भी शामिल हैं। यह पशुधन गणना पशुपालन से जुड़े नागरिकों के पास उपलब्ध डेयरी उपकरणों की विस्तृत जानकारी भी उपलब्ध कराएगी, जो राष्ट्र व प्रदेश के पशुधन क्षेत्र के हित के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
पशुपालन विभाग के उपनिदेशक डा. रविंद्र सहरावत ने बताया कि वर्ष 1919 में पहली पशुधन गणना के आयोजन के बाद से हर पांच साल के अंतराल में पूरे देश में पशुधन गणना का कार्य किया जाता है। डा. रविंद्र सहरावत ने बताया कि वर्ष 2019 की पशुगणना के अनुसार जिला भिवानी में एक लाख 54 हजार 361 गाय, दो लाख 77 हजार 739 भैंस, 34 हजार 533 भेड़, 32 हजार 270 बकरी, 584 घोड़े, 54 पोनी,182 खचर, 80 गधे, 3517 सूअर, 1001 ऊंट, 6184 कुत्ते तथा 121 खरगोश थे।
इतने रुपये तक की प्रोत्साहन राशि देने का प्रावधान था
उन्होंने बताया कि पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा अनेक कल्याणकारी योजनाएं शुरू की गई है। वर्ष 2023-24 के दौरान राज्य में देसी गायों के उत्थान हेतु हरियाणा, साहीवाल और बेलाही नस्ल की अधिक दूध देने वाली गायों के पालकों को 5 हजार रुपये से लेकर 20 हजार रुपये तक की प्रोत्साहन राशि देने का प्रावधान था।
जिसे मौजूदा वित्त वर्ष में सरकार ने बढ़ाकर 5 हजार से लेकर 25 हजार रूपये तक कर दिया है तथा उच्च गुणवत्ता की मुर्राह भैंस पालन के लिए 18 किलो प्रतिदिन से अधिक दूध देने वाली मुर्राह भैंस मालिकों को 15 हजार रुपये से 30 हजार रुपये तक की प्रोत्साहन राशि देने का प्रावधान था, जिसे विभिन्न श्रेणियां में सरकार ने बढाकर 20 हजार रूपये से 40 हजार रुपये तक कर दिया है।
70 मोबाइल पशु चिकित्सा वैन चलाई जा रही
इसके अतिरिक्त, राज्य के विभिन्न जिलों में 70 मोबाइल पशु चिकित्सा वैन चलाई जा रही है, जिसकी मदद से पशुपालकों को उनके घर द्वार पर लगातार (दिन-रात) पशु स्वास्थ्य और प्रजनन सेवाएं टोल फ्री नंबर 1962 के माध्यम से कॉल के आधार पर उपलब्ध करवाई जा रही है।