भिवानी में अधिकारी के फर्जी हस्ताक्षर करने का मामला सामने आया है। लोक निर्माण विभाग भवन और मार्ग शाखा स्थित भूमि अधिग्रहण अधिकारी कार्यालय में तैनात पटवारी अधिकारी के फर्जी हस्ताक्षर कर धोखाधड़ी से भूमि अधिग्रहण की 52 लाख रुपये की सरकारी मुआवजा राशि हड़प कर ली।
जिला राजस्व और भूमि अधिग्रहण अधिकारी के सामने मामला आया तो भ्रष्टाचार के इस घोटाले का पर्दाफाश हुआ। पुलिस ने आरोपी पटवारी के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
पांच लोगों ने मिली भगत कर हड़पी लाखों की राशि
इंद्र नगर हनुमान गेट क्षेत्र निवासी पवन कुमार पुत्र अत्तर सिंह एचकेआरएन के तहत लोक निर्माण विभाग भवन और मार्ग शाखा स्थित भूमि अधिग्रहण अधिकारी कार्यालय में पटवारी के पद पर तैनात है। पवन पटवारी ने जिला राजस्व एवं भूमि अधिग्रहण अधिकारी के फर्जी हस्ताक्षर कर पांच लोगों के साथ मिली भगत कर 52 लाख की मुआवजा राशि हड़प कर ली।
राशि को पांच लोगों के बैंक खातों में डाला गया है। जिला राजस्व अधिकारी भिवानी राजकुमार ने बताया कि आरोपी पटवारी पवन ने ईपीएस पर उनके जाली हस्ताक्षर कर 52 लाख की मुआवजा राशि का गबन किया है।
कैसे दिया धोखाधड़ी की वारदात को अंजाम
आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई गई है। आरोपी ने पांच लोगों के बैंक खातों में राशि डाली थी। आरोपी के खिलाफ विभागीय जांच शुरू कर दी है। आरोपी पवन ने बिल पर अधिकारी के फर्जी हस्ताक्षर कर 52 लाख की राशि मुआवजा राशि का गबन किया है। आरोपी ने गांव कितलाना निवासी नरेंद्र पुत्र अंजेश के बैंक खाते में 3 लाख 90 हजार रुपये, पिंकी पत्नी जयसिंह के बैंक खाते में 28 लाख 35 हजार रुपये, सुमन देवी पत्नी दिनेश के बैंक खाते में चार लाख 95 हजार रुपये, टिंकू पुत्र कैप्टन सिंह के बैंक खाते में चार लाख 90 हजार तथा विकास पुत्र जगबीर के बैंक खाते में चार लाख 90 हजार की राशि जमा करवाई गई।
जबकि विभाग ने उक्त बैंक खातों की जांच की तो सभी में जीरो राशि मिली। अभी तक विभागीय जांच में यह भी सामने आया कि आरोपी नरेंद्र पुत्र अंजेश ने अपने खाते में आई हुई राशि आरोपी पटवारी पवन की पत्नी लक्ष्मी के खाते में भी डाली गई है और खाते में 8,13,000 रुपये अभी भी शेष है। जिसके चलते विभाग ने उक्त बैंक खाते को सील करवा दिया गया है।