Bhiwani Sangharsh Samiti

Bhiwani में फर्जी पीआईडी मामले में दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग

भिवानी

Bhiwani में 28 अगस्त को स्थानीय महम गेट पर चौखानी इस्टेट स्थित गली नंबर-1 के फर्जी पीआईडी रद्द होने के बाद अब फर्जी पीआईडी बनवाने वाले नगर परिषद के दोषी अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर भिवानी संघर्ष समिति के बैनर पीड़ित बुधवार को भिवानी के पुलिस अधीक्षक, एसडीएम व नगर परिषद चेयरपर्सन से मिले। इस मौके पर भिवानी संघर्ष समिति के सदस्य राजेंद्र तंवर, अधिवक्ता राजेश जांगड़ा , रणबीर भाटी व सुरेश सैनी ने कहा कि नगर परिषद के कुछ अधिकारियों व कर्मचारियों की मिली भगत से भूमाफियाओं द्वारा फर्जी पीआईडी बनवाकर अवैध कब्जे करने की साजिश रची गई थी।

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रजिस्ट्री रद्द करवाई जाए

जिसे भिवानी संघर्ष समिति ने बे पर्दा कर दिया है। तथा शहरी स्थानीय निकाय निदेशालय हरियाणा चंडीगढ़ से फर्जी पीआईडी रद्द करने के आदेश भी पारित हो चुके है। ऐसे में अब पीड़ितों की मांग है कि इस मामले में रजिस्ट्री रद्द करवाई जाए व फर्जी पीआईडी बनाने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।

इसी मांग को लेकर वे एसपी, एसडीएम व नप चेयरपर्सन से मिले है। संघर्ष समिति के सदस्यों ने बताया कि यह गली पिछले करीबन 25 वर्षों से पक्की बनी हुई थी जिसमें सीवरेज व पेयजल लाईन भी डली हुई है। यही नहीं यह गली नगर परिषद के नक्शों में पास की गई है। इसके बावजूद भी भू-माफिया ने अवैध रूप से नगर परिषद से फर्जी पीआईडी बनवाई गई तथा इस पीआईडी की गूगल पर कोई लोकेशन तक नहीं है। उन्होंने बताया कि आरोपी फर्जी पीआईडी के आधार पर गली को अपनी नीजि फायदे के लिए बंद करना चाहता था।

धरना-प्रदर्शन की मांग

जिसके खिलाफ गली निवासी मुकेश सैनी के परिवार ने आवाज उठाई थी। उन्होंने कहा कि भिवानी जिला प्रशासन का यह दायित्व बनता है कि भूमाफियाओं पर लगाम लगाने का काम करें। ताकि आम नागरिकों को परेशानियों का सामना ना करना पड़े। भिवानी संघर्ष समिति के सदस्यों ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि जल्द ही पीड़ित परिवार को न्याय नहीं मिला तथा आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई तो वे धरना-प्रदर्शन करने से भी गुरेज नहीं करेंगे।

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