Bhiwani

Bhiwani विद्यालय शिक्षा बोर्ड के कर्मचारी 22 व 23 अगस्त को काली पट्टी बांधकर जताएंगे विरोध

भिवानी

हरियाणा के जिला Bhiwani में विद्यालय शिक्षा बोर्ड के कर्मचारी संगठन के द्वारा आयोजित की गई सभा में प्रदेश सरकार व हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के मनमाने रवैये के खिलाफ कर्मचारी नेताओं ने रोष जताया। करीब 6 माह बाद भी बोर्ड सचिव की नियुक्ति ना होने व मांगें ना माने जाने से कर्मचारियों में रोष है। जिस कारण वह 22 व 23 अगस्त को द्वार सभा बोर्ड कर्मचारी काली पट्टी बांधकर विरोध जताएंगे

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भिवानी, हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के कर्मचारी संगठन-1016 संबद्ध सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा ने मंगलवार को शिक्षा बोर्ड में द्वार सभा का आयोजन किया। इस मौके पर संगठन के नेताओं ने सरकार से बार-बार मांग करने के बाद भी हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड में सचिव की नियुक्ति ना करने पर रोष जताया तथा सरकार के उदासीन रवैये की निंदा की। इसके अलावा उन्होंने बोर्ड प्रशासन को दिए गए 10 सूत्रीय मांग पत्र पर भी कोई संज्ञान ना लेने पर नाराजगी व्यक्त की।

कर्मचारियों में खास रोष बना हुआ है

इस मौके पर हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के कर्मचारी संगठन के प्रधान सत्यवीर सिंह स्वामी ने कहा कि उनके द्वारा बार-बार मांग उठाए जाने के बाद भी हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड में सचिव की नियुक्ति ना करने से प्रदेश भर में शिक्षा के स्तर पर खास प्रभाव पड़ रहा है, लेकिन सरकार अपनी हठधर्मिता छोड़ने को तैयार नहीं है। जिसके चलते कर्मचारियों में खास रोष बना हुआ है।

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वहीं उन्होंने कहा कि आचार संहिता लागू होने के बावजूद भी बिना किसी बोर्ड बैठक की स्वीकृति के आनन-फानन में फरीदाबाद में क्षेत्रीय कार्यालय स्थापित करना गलत है। इससे सरकार व बोर्ड प्रशासन का मनमानी स्पष्ट झलकती है। जिसकी वे घोर निंदा करते है। उन्होंने बताया कि समय रहते बोर्ड प्रशासन इस फैसले को वापिस ले, नहीं तो आने वाले समय में वे बड़ा आंदोलन करने पर मजबूर होंगे।

विधानसभा चुनाव में वोट की चोट से जवाब

प्रधान सत्यवीर स्वामी व उपप्रधान देवेंद्र ने बताया कि इस सभा में फैसला लिया गया कि सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के आह्वान पर बोर्ड के तमाम कर्मचारी व अधिकारी 22 व 23 अगस्त को द्वार सभा का आयोजन कर व काली पट्टी बांधकर सरकार की कुठाराघाती नीतियों का विरोध किया जाएगा। इसके बावजूद भी यदि सरकार कर्मचारियों को लेकर अपनाए हुए द्वेष भावना की नीति को नहीं बदलती है तो इसका जवाब विधानसभा चुनाव में वोट की चोट से दिया जाएगा।

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