Fatehabad News

जेल भरो आंदोलन के तहत आशा वर्कर्स ने लघु सचिवालय को घेरा, पुलिस ने किया 740 को गिरफ्तार

भिवानी

भिवानी में जिलेभर की आशा वर्कर्स ने जेल भरो आंदोलन के तहत लघु सचिवालय के मुख्य गेट का घेराव कर दिया। इस दौरान मुख्य गेट पर भारी पुलिस बल और महिला पुलिस को तैनात किया गया। लघु सचिवालय के गेट पर डटी आशा वर्कर्स ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।

जेल भरो आंदोलन के दौरान पुलिस के साथ भी आशा वर्करों की तीखी नोकझोंक हुई। इस दौरान 740 आशा वर्कर्स ने पुलिस को गिरफ्तारियां दी। आशा के जेल भरो आंदोलन को सीटू, अखिल भारतीय किसान सभा, युवा कल्याण संगठन, जाटू खाप, ग्राम स्वराज मोर्चा, जनवादी महिला समिति व दलित अधिकार मंच, भगत सिंह ब्रिगेड के मोनू तालू ने समर्थन किया।

इन संगठनों के सदस्यों और नेताओं ने भी आशा के साथ गिरफ्तारी दी। कामरेड ओमप्रकाश ने बताया कि पुलिस प्रशासन ने सभी आशा को पूर्व मुख्यमंत्री बनारसी दास पार्क में अस्थायी जेल बनाकर बैठा लिया।

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महिला पुलिस के साथ हुई आशा वर्कर्स की धक्का-मुक्की

आशा वर्कर्स के साथ अन्य कर्मचारी संगठनों ने भी समर्थन किया। इस दौरान महिला पुलिस के साथ आशा वर्कर्स की धक्का-मुक्की का माहौल भी बना। लेकिन पुलिस ने आशा वर्कर्स को पहले से ही वहां लाई गईं गाड़ियों के अंदर बैठाकर उन्हें गिरफ्तार किया। आशा वर्कर्स को लघु सचिवालय से दो किलोमीटर दूर हांसी रोड के बीडी गुप्ता पार्क में बनाई अस्थायी जेल में ले जाया गया। यहां पर करीब चार घंटे तक उन्हें बैठाए रखा।

राज्य सरकार दे मांगों पर बातचीत का आश्वासन

आशा वर्कर यूनियन और सीटू नेताओं ने कहा ने कहा जब तक राज्य सरकार उनकी मांगों पर बातचीत का आश्वासन नहीं देती, तब तक वे रिहा नहीं होंगी। उन्होंने कहा कि 20 हजार आशा का आंदोलन शांतिपूर्ण है, सरकार इसे कमजोरी समझने की गलती न करे। कामरेड ओमप्रकाश ने बताया कि आशा वर्कर्स के आंदोलन को देखते हुए मुख्यमंत्री कार्यालय से आशा वर्कर्स को 29 सितंबर के लिए वार्ता का न्योता मिला है। इसके बाद ड्यूटी मजिस्ट्रेट बिजली निगम के एसडीओ रजनीश ने सभी आशा वर्कर्स को रिहा करने का आदेश दिया।

क्या हैं आशा वर्करों की मांगे

प्रदेश की 20 हजार आशा वर्कर्स को सरकारी कर्मचारी का दर्जा देने, 26 हजार न्यूनतम वेतन, इन्सेंटिव में 50 प्रतिशत कटौती को बहाल करने, ईपीएफ-ईएसआई की सुविधा, सेवानिवृत्त आयु 60 वर्ष, सम्मानजनक पेंशन, ग्रेजुएटी देने की मांगों को लेकर आठ अगस्त से हड़ताल पर डटी हुई है।

अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रही आशा वर्कर्स ने गिरफ्तारियां दी हैं। सरकार की तरफ से उनकी मांगों को लेकर वार्ता का समय निश्चित किया गया है। इसके बाद सभी आशा वर्कर्स को रिहा कर दिया गया है।