कांग्रेस राज्यसभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा के बयान पर रोहतक लोकसभा क्षेत्र के सांसद अरविंद शर्मा ने पलटवार करते हुए उन्हें खुली चुनौती दे दी है। भाजपा सांसद अरविंद शर्मा ने कड़े शब्दों में दीपेंद्र हुड्डा को चैलेंज दिया है। उनका कहना है कि दीपेंद्र सिंह हुड्डा दोनों हाथों में लड्डू लेकर न निकले। दीपेंद्र सिंह हुड्डा में अगर हिम्मत है तो राज्यसभा सांसद के पद से इस्तीफा देकर चुनाव मैदान में आएं।
भाजपा सांसद डॉ. अरविंद शर्मा रोहतक के कैनाल रेस्ट हाउस पत्रकारों के साथ बातचीत कर रहे थे। डॉ. शर्मा ने तंज कसते हुए कहा कि पहलवान लंगोट बांधकर मैदान में आते हैं, कपड़े पहनकर नहीं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के इन नेताओं ने तो पहले अशोक तंवर के साथ ज्यादती की और फिर कुमारी शैलजा का हक छीनकर राज्यसभा की टिकट पर कब्जा कर लिया। उन्होंने कहा कि दीपेंद्र सिंह हुड्डा बार-बार टारगेट करने की बात कहते हैं, उनके पास ऐसा है ही क्या, जो हम उन्हें टारगेट करें।
यही नहीं अरविंद शर्मा ने दीपेंद्र सिंह हुड्डा से सवाल पूछते हुए कहा कि भाजपा सरकार में हुए विकास कार्यों का श्रेय लेने से पहले यह बताएं कि कांग्रेस ने सत्ता के दौरान जिन प्रोजेक्ट की आधारशिला रखवाई थी, वह पूरे क्यों नहीं किए। उन प्रोजेक्ट की आवाज किसी के सामने क्यों नहीं उठाई।
सांसद डॉ. अरविंद शर्मा ने रोहतक लोकसभा सीट को हरियाणा की दशा व दिशा बदलने वाली सीट पर चुटकी ली। उन्होंने कहा कि रोहतक लोकसभा सीट को इसलिए हरियाणा की दशा व दिशा बदलने वाली सीट बता रहे हैं कि वह मुख्यमंत्री बनने का सपना देख रहे हैं, क्योंकि वह रोहतक में जीतकर मुख्यमंत्री बनने की सोच रहे हैं, लेकिन उनके सपने कभी साकार नहीं होंगे। इस मौके पर भाजपा के जिलाध्यक्ष रणबीर ढाका, वरिष्ठ नेता कृष्ण मूर्ति हुड्डा और मीडिया प्रभारी तरुण सन्नी शर्मा आदि मौजूद रहे।
भाजपा सांसद डॉ. अरविंद शर्मा ने कहा कि चुनाव में जनता तय कर देगी कि किसने कितने काम किए हैं। ऐसा उनके पास क्या है, जो हम टारगेट करें। कांग्रेस नेता अब कार्यों का श्रेय लेने की होड़ में लोगों के सामने बेवजह की बयानबाजी कर रहे हैं। डॉ. शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश तेजी से आत्मनिर्भर बनने की ओर आगे बढ़ रहा है। यह व्यवस्था परिवर्तन का ही परिणाम है कि आज भारत दुनिया की पांचवीं अर्थव्यवस्था है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के सपने के अनुरूप जल्द ही तीसरी अर्थव्यवस्था बनने वाला है। देश और प्रदेश में विकास का पहिया तेजी से घूम रहा है। केंद्र व राज्य सरकार ने पिछले लगभग 10 सालों में विकास की कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है। केंद्र और राज्य सरकार ने अंत्योदय को लेकर अनेक योजनाओं को धरातल पर क्रियान्वित किया है। परिणाम स्वरूप देश के करोड़ों परिवार गरीबी की रेखा से बाहर आए हैं।