● CAG रिपोर्ट में खुलासा: हरियाणा में BJP-JJP सरकार के दौरान 1103 करोड़ का राजस्व नुकसान।
● टैक्स फ्री नीतियों, पेनल्टी की अनदेखी, गलत रजिस्ट्री और प्राइवेट फर्मों को दी गई छूट से नुकसान।
● अवैध शराब, स्टैंप ड्यूटी, टैक्स निर्धारण में अनियमितताओं पर भी उठे सवाल।
Haryana Government: हरियाणा की पिछली BJP-जेजेपी सरकार में 1103 करोड़ 94 लाख रुपए का राजस्व नुकसान हुआ है। इस खुलासे ने राज्य की वित्तीय नीतियों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। कंप्ट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल ऑफ इंडिया (CAG) की रिपोर्ट में यह बताया गया है कि वित्तीय वर्ष 2021-22 के दौरान बिक्री कर, राज्य उत्पाद शुल्क, स्टैंप शुल्क और पंजीकरण फीस में अनियमितताएं सामने आई हैं।
कैसे हुआ 1103 करोड़ का नुकसान?
CAG रिपोर्ट के अनुसार, सरकार ने कुछ वस्तुओं को टैक्स फ्री कर दिया, अवैध शराब की पेनल्टी वसूलने में कोताही बरती और निजी कंपनियों को 3 करोड़ की स्टैंप ड्यूटी में छूट दी। इसके अलावा गलत टैक्स निर्धारण और रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया में गड़बड़ियों के कारण भी राज्य को भारी वित्तीय हानि हुई।
CAG रिपोर्ट में सरकार की 7 बड़ी गड़बड़ियां
- टैक्स फ्री किया, 5 करोड़ का नुकसान
CAG के मुताबिक, सरकार ने कुछ वस्तुओं को टैक्स फ्री कर दिया, जिससे राज्य को 5 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। इसके अलावा 4.77 करोड़ रुपए का ब्याज भी कम मिला। - गलत टैक्स निर्धारण, 36 करोड़ की गड़बड़ी
रिपोर्ट में बताया गया कि जहां 36.61 करोड़ का टैक्स लगना चाहिए था, वहां मात्र 28 करोड़ टैक्स लगाया गया। इस तरह राज्य को 1 करोड़ का सीधा नुकसान हुआ। - रजिस्ट्री और एक्साइज से पेनल्टी नहीं वसूली, 33 करोड़ का घाटा
- अवैध शराब के मामलों में 7.5 करोड़ की पेनल्टी नहीं वसूली गई।
- स्टैंप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन में गड़बड़ी से 26 करोड़ का नुकसान हुआ।
- प्राइवेट फर्मों को 3 करोड़ की गलत छूट
सरकार ने गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण, बिजली निगम और नगर पालिकाओं को सरकारी संस्थाएं मानते हुए 3.11 करोड़ की स्टैंप ड्यूटी में छूट दे दी। - व्यावसायिक प्लॉट पर किसानों को छूट, 1.61 करोड़ का नुकसान
सरकारी आदेशों का उल्लंघन कर किसानों को 1.61 करोड़ की स्टैंप ड्यूटी और पंजीकरण फीस में छूट दी गई। - जमाबंदी रेट पर रजिस्ट्री, 150 करोड़ की हानि
अधिकारियों ने कलेक्टर रेट की बजाय जमाबंदी रेट पर जमीन की रजिस्ट्री कर दी, जिससे 150 करोड़ का नुकसान हुआ। - दोहरी पेंशन निकासी और ग्रेच्युटी में अनियमितता
- सरकार में वित्तीय लेनदेन पर पर्याप्त नियंत्रण नहीं रहा।
- कई मामलों में अधिकारिक सीमा से अधिक ग्रेच्युटी भुगतान, दोहरी पेंशन निकासी और LTC (लीव ट्रैवल कंसेशन) की दोहरी निकासी हुई।