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Haryana सीएमओ में बदलाव: नए चेहरों की होगी नियुक्ति, पूर्व मंत्री भी लाइन में

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Haryana मुख्यमंत्री नायब सैनी के चीफ मिनिस्टर ऑफिस (CMO) में कई नए चेहरों की नियुक्ति होने की संभावना है। इस बार CMO में दो पूर्व राजमंत्रियों के शामिल होने की उम्मीद है, जबकि पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर के करीबी अधिकारियों का इस बार कोई स्थान नहीं होगा।

सीएमओ का गठन विधानसभा सत्र की शुरुआत से पहले, 13 नवंबर से पहले होने की संभावना है। दिल्ली से मंजूरी मिलने के बाद ही सीएमओ की नई टीम का गठन होगा।

CMO का स्ट्रक्चर: कौन बनेगा बॉस?

सीएमओ का प्रमुख मुख्यमंत्री का मुख्य प्रधान सचिव (CPS) होता है। वर्तमान में यह पद राजेश खुल्लर के पास है, हालांकि उनकी नियुक्ति को लेकर कुछ विवाद भी हुआ था। पहले उन्हें कैबिनेट रैंक का दर्जा दिया गया था, लेकिन विरोध के बाद यह आदेश रद्द कर दिए गए थे। इसके बाद नए आदेश जारी किए गए।

हरियाणा सीएमओ में एक प्रिंसिपल सेक्रेटरी (PS) और दो एडिशनल प्रिंसिपल सेक्रेटरी (APS) भी नियुक्त होंगे। सीनियर आईएएस अधिकारी वी उमाशंकर अब केंद्रीय डेपुटेशन पर हैं, जिसके बाद इस पद के लिए तीन नए नामों पर विचार किया जा रहा है – आईएएस अरूण गुप्ता, विजेंद्र कुमार, और एके सिंह।

नए चेहरे: स्पेशल ऑफिसर और मीडिया एडवाइजर

सीएमओ में 3 से 4 स्पेशल ऑफिसर ऑन ड्यूटी (OSD) नियुक्त किए जाते हैं, जिनमें सीएम हाउस OSD और ट्रांसफर ओएसडी शामिल होते हैं। इसके अलावा, 2 अन्य ओएसडी भी हो सकते हैं, जो मुख्यमंत्री द्वारा तय किए जाएंगे।

पॉलिटिकल एडवाइजर के तौर पर भारत भूषण भारती कार्यरत हैं, जबकि मीडिया एडवाइजर के पद के लिए चंडीगढ़ से प्रवीण अत्रैय और अशोक छाबड़ा लॉबिंग कर रहे हैं। दिल्ली के लिए अलग से एक मीडिया एडवाइजर की नियुक्ति की जाएगी।

खट्टर के कार्यकाल में सीएम विंडो की शुरुआत

मनोहर लाल खट्टर के कार्यकाल में 25 दिसंबर, 2014 को सीएम विंडो की शुरुआत हुई थी, जो शिकायतों के निवारण और निगरानी का कार्य करती है। अब इस कार्यक्रम की जिम्मेदारी भूपेश्वर दयाल से हटकर एचसीएस अफसर विवेक कालिया को सौंप दी गई है।

सैनी सरकार के सेकेंड टर्म में पूर्व मंत्रियों की लॉबिंग

सैनी सरकार के दूसरे कार्यकाल में दो पूर्व मंत्री, सुभाष सुधा और असीम गोयल, सीएमओ में शामिल होने के लिए लॉबिंग कर रहे हैं। इसके अलावा, मीडिया एडवाइजर के लिए चंडीगढ़ से दो नाम आगे आ रहे हैं, जबकि दिल्ली के लिए एक अलग एडवाइजर की नियुक्ति की जाएगी।

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