Haryana के पानीपत जिले में नाबालिगों और महिलाओं के लापता होने की घटनाओं में तेजी आई है। 18 साल से कम उम्र की लड़कियों के गायब होने का सिलसिला जारी है, साथ ही 18 साल से ऊपर की महिलाओं की गुमशुदगी भी बढ़ी है। इन मामलों ने चिंताजनक रूप धारण कर लिया है, और अब तक आरटीआई से सामने आए आंकड़े और अधिक चिंता पैदा कर रहे हैं।
नारी तू नारायणी उत्थान समिति की अध्यक्ष, समाज सेविका सविता आर्य ने इस मामले की गंभीरता को उजागर करते हुए एक आरटीआई दायर की थी, जिसके बाद हैरान करने वाले आंकड़े सामने आए हैं। 2024 के अक्टूबर तक जिले से कुल 1080 महिलाएं और किशोरियां लापता हो चुकी हैं, जिसमें 770 बालिग और 310 नाबालिग हैं। पिछले साल 2023 में यह आंकड़ा 1255 का था।
सनौली थाना क्षेत्र में गंभीर मामला
हाल ही में सनौली थाना क्षेत्र में एक डराने वाली घटना सामने आई, जहां एक ट्रक ड्राइवर ने 12 साल की किशोरी को लिफ्ट देने के बहाने अपने ट्रक में बैठा लिया। चार दिन तक उसे इधर-उधर घुमाते हुए, ट्रक में ही उसकी असम्मति से बलात्कार करता रहा। इस घटना ने क्षेत्र में भय का माहौल उत्पन्न कर दिया है। यह घटना न केवल दर्दनाक है, बल्कि महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े करती है।
नारी सुरक्षा पर उठी सवालियां अंगुलियां
सविता आर्य ने बताया कि उन्होंने पहले भी आईटीआई के माध्यम से जानकारी प्राप्त की थी कि कितनी बच्चियां गायब हो रही हैं और कितनी वापस आती हैं। कई बच्चियां आज तक लापता हैं। उन्होंने पुलिस प्रशासन से यह भी अपील की कि इन मामलों की गहन जांच की जाए, क्योंकि इस प्रकार की घटनाएं मानव तस्करी से जुड़ी हो सकती हैं।
पुलिस प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था
डीएसपी सतीश वत्स का कहना है कि पुलिस महिला और बच्चों की सुरक्षा के लिए पूरी तरह सजग है। स्कूल और कॉलेजों में जाकर लड़कियों को सुरक्षा के टिप्स दिए जाते हैं और परिजनों को यह समझाया जाता है कि वे अपनी बच्चियों की सुरक्षा में लापरवाही न बरतें। पुलिस मोबाइल के आधार पर लापता लड़कियों का सुराग लगाने की कोशिश करती है और परिजनों को समय रहते सूचित किया जाता है।
सविता आर्य ने कहा कि इस प्रकार के मामलों में जागरूकता बेहद जरूरी है। माता-पिता को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी और अपनी बच्चियों का ध्यान रखना होगा ताकि इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।