हरियाणा के पानीपत शहर में स्थित ट्रफिक पार्क में सीएम फ्लाइंग करनाल और गुप्तचर इकाई पानीपत की संयुक्त टीम ने रेड की। रेड के दौरान टीम ताऊ देवी लाल पार्क स्थित ट्रैफिक पार्क पहुंची। निरीक्षण में ट्रैफिक पार्क में रीडर विक्रम, लाइसेंस क्लर्क देवेंद्र कुमार, कंप्यूटर ऑपरेटर अमित कुमार, सेवादार अभिमन्यु व लाइसेंस ऑथोरिटी मौजूद मिले। पूछताछ में रीडर विक्रम सिंह ने बताया कि ड्राइविंग लाइसेंस पासिंग के लिए सतबीर सिंह सहायक अधीक्षक राजस्व कार्यालय को लगाया गया है, वह छुट्टी पर है, जिसकी जगह उसकी ड्यूटी लगाई गई है।
दरअसल टीम को तहसील कार्यालय में कार्यरत लाइसेंस क्लर्क और दुसरे कर्मचारियों द्वारा ट्रेफिक पार्क में ड्रांइविंग लाईसेंस बनवाने वाले आवेदकों को ड्राइविंग टेस्ट में दलालों के साथ मिलीभगत करके पास किए जाने की शिकायतें मिल रही थी। शिकायतों के आधार पर ही टीम ने शुक्रवार को छापेमारी की।
पार्क में नहीं अच्छी व्यवस्था
जांच में पता चला कि लाइसेंस क्लर्क द्वारा ड्राइविंग टेस्ट पास होने के बाद आवेदकों की फाइलें रजिस्टर में दर्ज की जा रही हैं, लेकिन कुछ सीरियल नंबरों पर कोई एंट्री नहीं है। क्लर्क को इसके बारे में पूछा गया, लेकिन उन्होंने संतोषजनक जवाब नहीं दिया। ट्रैफिक पार्क की अन्य अनियमितताओं भी कमी नजर आई जिनमें साइन बोर्ड, सिग्नल, लाइनिंग, और सड़क की सफाई में कमी है। शौचालयों पर भी ताला लगा हुआ था और पीने के पानी की व्यवस्था नहीं थी।
जांच-पड़ताल के दौरान सामने आया कि लाइसेंस क्लर्क देवेंद्र कुमार द्वारा ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने वाले आवेदकों का टेस्ट पास होने के बाद फाइल चेक करके रजिस्टर में एंट्री की जा रही है। रजिस्टर को चेक किया तो उसमें 14 मार्च की तारीख में कुल 105 ड्राइविंग लाइसेंस पास करने वाले आवेदकों की एंट्री मिली। रजिस्टर में सीरियल नंबर 3, 11, 12, 18, 19, 21, 25, 27, 28, 29 व 30 पर कोई एंट्री नहीं थी। लाइसेंस क्लर्क देवेंद्र कुमार से जब इन नंबरों की खाली जगह छोड़े जाने का कारण पूछा, तो वह संतोषजनक जबाब नहीं दे पाया। मौके पर ड्राइविंग टेस्ट देने वाले आवेदकों की वाहन चलाते समय मोबाइल से वीडियो बनाई जा रही थी, जबकि यह वीडियो रिकार्डिंग कैमरे द्वारा की जानी चाहिए थी। टीम ने इस सभी को नोट किया और नियमानुसार कार्रवाई की सिफारिश की। उन्होंने टेस्ट लेने वाले लोगों को सर्टिफिकेट प्राप्त करने की सिफारिश की।