रेवाड़ी जिले के डहीना में नायब तहसीलदार के पद पर बिहार प्रशासनिक सेवा के अधिकारी रिंकू यादव की नियुक्ति ने हरियाणा की सियासत को गरमा दिया है। रिंकू यादव मूल रूप से हरियाणा के ही निवासी हैं, लेकिन वे बिहार प्रशासनिक सेवा में कार्यरत हैं और हाल ही तक बिहार के भोजपुर जिले के बारहारा अंचल में सर्कल ऑफिसर के रूप में तैनात थे। अब हरियाणा सरकार ने उन्हें एक वर्ष की अवधि के लिए डेप्यूटेशन पर राज्य के राजस्व विभाग में नायब तहसीलदार के पद पर तैनात किया है, और वे अपना कार्यभार भी संभाल चुके हैं।
इस नियुक्ति को लेकर विपक्षी दलों ने तीखे सवाल खड़े कर दिए हैं। सोशल मीडिया पर उनके डेप्यूटेशन ऑर्डर की प्रति तेजी से साझा की जा रही है और सरकार से पूछा जा रहा है कि क्या हरियाणा में इस पद के लिए योग्य अफसरों की कमी हो गई है, जो बिहार से अधिकारी को बुलाना पड़ा। कांग्रेस नेता राव दान सिंह ने फेसबुक पर तंज कसते हुए लिखा, “चपरासी हरियाणा के और नायब तहसीलदार बिहार के?” उन्होंने कहा कि यदि हरियाणा में वास्तव में नायब तहसीलदार की कमी है, तो सरकार को नई भर्तियों का रास्ता अपनाना चाहिए। अगर कोई कमी नहीं है, तो यह जांच का विषय है कि यह खास अधिकारी किसकी सिफारिश पर हरियाणा आया।
पूर्व मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कैप्टन अजय यादव ने भी इस मसले को लेकर सरकार को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार एक ओर तो अपने ही युवाओं को नौकरी नहीं दे पा रही है, दूसरी ओर दूसरे राज्यों से अफसरों को बुला रही है। उन्होंने इसे न केवल गलत बल्कि अन्यायपूर्ण करार दिया और मांग की कि यह जांचा जाए कि किस राजनैतिक प्रभाव से यह नियुक्ति संभव हुई।
यह मुद्दा ऐसे समय पर उठा है जब प्रदेश में युवाओं में सरकारी नौकरियों को लेकर असंतोष पहले से ही मौजूद है। ऐसे में किसी बाहरी अफसर की नियुक्ति को लेकर उपजा असंतोष सियासी विवाद का रूप लेता जा रहा है, जिससे आने वाले दिनों में सरकार पर विपक्ष का दबाव और बढ़ सकता है।