Haryana में आगामी शहरी स्थानीय निकाय, नगर निगम, नगर परिषद और नगर पालिका चुनावों को लेकर कांग्रेस पार्टी ने जिला प्रभारी और उत्तर पश्चिम-दक्षिण जोन के लिए कोआर्डिनेशन कमेटियों का गठन किया है। लेकिन इस कदम को लेकर पार्टी के भीतर असंतोष है, खासकर पार्टी के पूर्व प्रदेश सचिव और हरियाणा सरकार के पूर्व चेयरमैन विजय बंसल एडवोकेट ने इस फैसले पर सवाल उठाए हैं।
विजय बंसल का विरोध
विजय बंसल ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और वरिष्ठ नेता राहुल गांधी को एक पत्र लिखकर अपनी नाराजगी जताई। उन्होंने आरोप लगाया कि कोआर्डिनेशन कमेटी में उन कार्यकर्ताओं को शामिल किया गया है, जिन्होंने पिछले चुनावों में कांग्रेस उम्मीदवारों के खिलाफ काम किया और पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल रहे। बंसल ने यह भी कहा कि ऐसे कार्यकर्ताओं को कमेटियों में नियुक्त कर पार्टी ने उन्हें एक तरह से “तोहफा” दिया है, जिससे पार्टी के आम कार्यकर्ताओं में गहरी नाराजगी है।
नाराज कार्यकर्ताओं का मनोबल टूटा
पत्र में बंसल ने यह भी कहा कि पार्टी के खिलाफ काम करने वाले इन कार्यकर्ताओं की वजह से कांग्रेस सत्ता में आने से चूक गई, और इससे कार्यकर्ताओं का मनोबल भी टूट गया है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर इस तरह की नियुक्तियां जारी रहीं तो कांग्रेस का भविष्य अंधकारमय होगा।
समिति की बजाय संगठन की जरूरत
बंसल ने कांग्रेस हाई कमान से यह भी मांग की कि इस प्रकार की अस्थायी समितियों के गठन के बजाय पार्टी को एक मजबूत संगठनात्मक ढांचा तैयार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि स्थायी पार्टी पदाधिकारियों की जिम्मेदारी तय करने से ही पार्टी को सक्रिय और समर्पित कार्यकर्ताओं की मदद मिल सकती है।
नॉर्थ और साउथ जोन में समिति का गठन
पार्टी ने हाल ही में हरियाणा को दो जोन में बांटकर नॉर्थ और साउथ जोन के लिए कोआर्डिनेशन कमेटियों का गठन किया था। बंसल ने पत्र में यह भी कहा कि कुछ ऐसे लोग जो विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के खिलाफ थे, उन्हें इन समितियों में जगह दी गई है। उन्होंने उदाहरण के तौर पर कालका से कांग्रेस उम्मीदवार प्रदीप चौधरी और पंचकूला से चंद्र मोहन का नाम लिया, जिनका भाजपा द्वारा समर्थन किया गया था।
आगे की राह
बंसल का कहना है कि ऐसे कार्यकर्ताओं को कमेटियों में स्थान देने से पार्टी में अनुशासनहीनता बढ़ेगी और कांग्रेस के आम कार्यकर्ता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने पार्टी नेतृत्व से मांग की है कि ऐसे लोगों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए।
कांग्रेस पार्टी में इस विवाद के बाद कार्यकर्ताओं में असंतोष की भावना और गहरी हो गई है, और देखना होगा कि पार्टी इस पर कैसे प्रतिक्रिया देती है।