सोनीपत के मुरथल स्थित दीनबंधु छोटू राम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (डीसीआरयूएसटी) के इंक्यूबेशन सेंटर के विद्यार्थियों ने ऐसा ड्रोन बनाया है, जो 10 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार में भी हवा में स्टेबल रह सकता है। ड्रोन जीपीएस के माध्यम से अपने गंतव्य स्थान पर जा सकता है। विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने भविष्य में सीमाओं के लिए सुरक्षा उपकरण बनाने पर कार्य प्रारंभ कर दिया है। वहीं इस ड्रोन को कृषि क्षेत्र में भी इस्तेमाल किया जाएगा। कृषि क्षेत्र को लेकर फसलों में होने वाली बीमारियां इस ड्रोन के माध्यम से उपकरण लगने के बाद पता लगाई जा सकेंगी।
दीनबंधु छोटू राम यूनिवर्सिटी हरियाणा की सबसे अच्छी यूनिवर्सिटी में शुमार है। विश्वविद्यालय में इनक्यूबेशन सेंटर में थिंक बोर्ड समिति छात्र छात्रों द्वारा चलाई जा रही है इसमें वंश बत्रा नाम के विद्यार्थी ने अपने अन्य साथियों के साथ व काउंसलिंग की अध्यक्ष प्रोफेसर सुमन सांगवान और डॉक्टर विकास नेहरा के मार्गदर्शन पर एक ड्रोन तैयार किया है। डॉ विकास नेहरा ने बताया कि इस ड्रोन को बनाने में मौजूदा समय में ₹20000 के करीब खर्चा आया है ।
इसमें अभी और सेंसर लगाए जाएंगे जिससे ये पता चल सकेगा कि फसलों को दवाइयां की कितनी जरूरत है। उसके बारे में जानकारी मिल सकेगी यह सब टीमवर्क है। जिसमें फाइनल ईयर के छात्र जिसमें वंश सहित अन्य छात्रों की मेहनत भी है। बीविवि की तरफ से फाइनेंशली मदद बच्चों को दि जाती है। वहीं जो भी बच्चों की जरूरत होगी उन्हें विश्वविद्यालय की तरफ से पूरा किया जा रहा है।

10 किलोमीटर के प्रति घंटे की हवा में भी रहेगा स्टेबल
इंक्यूबेशन सेंटर में थिंक बोट सोसायटी के विद्यार्थी वंश बत्रा के नेतृत्व में एक ड्रोन बनाया है। प्रथम चरण में विद्यार्थियों ने माइक्रो कंट्रोलर बनाया। उसमें आयी कमियों को दूर करके प्लाइट कंट्रोलर लगाकर ड्रोन बनाया। ड्रोन को लेकर कोडिंग वंश बत्रा ने स्वयं की है। ड्रोन की विशेषता यह है कि ये 10 से 15 किलोमीटर तेजगति की हवा में भी स्टेबल रह सकता है। जीपीएस के माध्यम से ड्रोन अपने गंतव्य स्थान तक जाकर वापिस आ सकता है।
कृषि क्षेत्र के लिए भी कारगर साबित होगा ड्रोन
इस ड्रोन को बनाने में 6 महीने का विद्यार्थियों को समय लग गया है अभी जो ड्रोन तैयार किया गया है उसको आगे बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं ड्रोन में सीसीटीवी कैमरे लगाने का काम किया जाएगा जो खेती में किसने की मदद करेगा फसल में कितनी दवाइयां व पानी की जरूरत के बारे में बता सकेगा। ऐसे छात्रों को ऐसे कार्य करने के लिए बीवी की तरफ से हर संभव मदद की जाती है। देश के प्रधानमंत्री की तरफ से आत्मनिर्भर भारत बनाने को लेकर हम इसी दिशा में काम करेंगे। विवि के छात्र ऐसे रोबोट बनाने बनाने जा रहे हैं जो आपदा के समय वह देश की सुरक्षा में काम आ सकेंगे।

500 मीटर की ऊंचाई तक जा सकता है ड्रोन
सुमन सांगवान ने बताया कि सभी छात्रों ने मिलकर एक ड्रोन बनाया है। इस ड्रोन को जीपीएस के माध्यम से एक स्थान से दूसरे स्थान पर लेकर जा सकते हैं। वंश ने बताया कि वर्तमान समय में ड्रोन 500 मीटर की ऊचाई तक व एक किलोमीटर दूर तक जा सकता है। वर्तमान समय में यह ड्रोन दस मिनट तक उड सकता है। वंश बत्रा ने बताया कि भविष्य में ड्रोन की बेट्ररी में बदलाव करके एक घंटें तक निरंतर उडाने की योजना है साथ ही साथ इसकी दूरी की रेंज 5 किलोमीटर तक करने की योजना है।
भविष्य में बनाएंगे सीमाओं के लिए सुरक्षा उपकरण
छात्रों ने बताया कि ड्रोन में अन्य बदलाव करने की योजना है ताकि अन्य जगह पर भी इसका सदुपयोग हो सके। भविष्य में उसकी योजना सीमाओं पर सुरक्षा के लिए सुरक्षा उपकण बनाने की है, ताकि दुश्मन को सीमा पार करते समय पहचानकर आतंकवादियों पर कार्यवाही की जा सके। अगर यह उपकरण हम बनाने में कामयाब हुए तो हम देश की सुरक्षा में अपना अहम योगदान दे सकेगें। ड्रोन को और भी आधुनिक बनाने की प्रक्रिया में अमल लाई जा रही है इसमें सीसीटीवी कैमरा लगाकर देश की सीमाओं के लिए वह कृषि क्षेत्र में इसकी एम भूमिका हो सकेगी। ड्रोन को देश की सुरक्षा में लेकर जाना उनका उद्देश्य है ताकि हमारे देश की सुरक्षा बनी रहे।

