Haryana में अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष देवेंद्र बुड़िया ने अपने खिलाफ दर्ज रेप केस में गिरफ्तारी से बचने के लिए पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। हिसार सेशन कोर्ट से जमानत याचिका खारिज होने के बाद बुड़िया ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। मंगलवार, 25 जनवरी को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई, जिसमें देवेंद्र बुड़िया की ओर से दावा किया गया कि आरोप राजनीति से प्रेरित हैं और उन्होंने रेप पीड़िता के खिलाफ बेबुनियाद आरोप लगाए हैं।
हाईकोर्ट में जमानत याचिका पर सुनवाई:
पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के माननीय न्यायधीश अमरजोत भट्टी की कोर्ट में देवेंद्र बुड़िया की याचिका पर सुनवाई हुई। याचिका में आरोप लगाए गए हैं कि पीड़िता द्वारा लगाए गए आरोप झूठे हैं और मामले में एफआईआर भी देर से दर्ज की गई। कोर्ट ने इस मामले में अगली सुनवाई 17 मार्च को निर्धारित की है।
बुड़िया की गिरफ्तारी से बचने की कोशिश:
देवेंद्र बुड़िया की गिरफ्तारी से बचने के लिए पुलिस ने उनके खिलाफ लुकआउट नोटिस भी जारी किया है, लेकिन बुड़िया अभी भी गिरफ्तारी से बाहर हैं। इससे पहले, बुड़िया ने हिसार सेशन कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी, जिसे 5 फरवरी को खारिज कर दिया गया। अदालत ने पीड़िता के वकील द्वारा पेश किए गए साक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए जमानत याचिका को नकारा।
एफआईआर में पीड़िता के आरोप:
पीड़िता ने अपनी एफआईआर में कई गंभीर आरोप लगाए हैं, जिनके मुताबिक, देवेंद्र बुड़िया ने उसे चंडीगढ़ और जयपुर में कथित तौर पर शारीरिक शोषण का शिकार बनाया। उसने यह भी कहा कि बुड़िया ने उसे धमकी दी थी कि यदि उसने इसका खुलासा किया तो उसे वेश्यावृत्ति के मामले में फंसा देगा।
मामला राजनीतिक दबाव से प्रेरित:
बुड़िया की ओर से यह दावा किया गया है कि यह मामला राजनीति से प्रेरित है और उनकी छवि को नुकसान पहुंचाने के लिए यह झूठा मामला दर्ज किया गया है। इस पर अब तक कोर्ट की सुनवाई चल रही है और अगली सुनवाई 17 मार्च को होगी।