- CBSE ने 2025-26 से 10वीं बोर्ड परीक्षा साल में दो बार कराने की दी मंजूरी
- पहला फेज 17 फरवरी से 6 मार्च, दूसरा फेज 5 मई से 20 मई तक होगा आयोजित
- सप्लीमेंट्री परीक्षा खत्म, छात्रों को मिलेगा बेस्ट स्कोर का फायदा
CBSE Dual Exam System: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने 2025-26 सत्र से 10वीं की बोर्ड परीक्षाओं को साल में दो बार आयोजित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। यह फैसला नेशनल एजुकेशन पॉलिसी (NEP) 2020 के तहत लिया गया है, जिसका उद्देश्य छात्रों को अधिक अवसर देना और परीक्षा प्रणाली को अधिक लचीला बनाना है। इस फैसले पर सभी स्टेकहोल्डर्स 9 मार्च तक अपना फीडबैक दे सकते हैं, जिसके बाद इसे फाइनल किया जाएगा।
एग्जाम शेड्यूल:
- पहला फेज: 17 फरवरी – 6 मार्च 2025
- दूसरा फेज: 5 मई – 20 मई 2025
JEE की तरह दो बार परीक्षा देना होगा ऑप्शनल
शिक्षामंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बताया कि स्टूडेंट्स के पास साल में दो बार परीक्षा देने का विकल्प रहेगा। ठीक वैसे ही जैसे JEE परीक्षा साल में दो बार होती है। स्टूडेंट्स इन तीन विकल्पों में से कोई भी चुन सकते हैं:
- साल में एक बार परीक्षा दें।
- दोनों परीक्षाओं में शामिल हों।
- किसी विषय में कम अंक आने पर दूसरी परीक्षा में सुधार के लिए फिर से उस विषय का एग्जाम दें।
सप्लीमेंट्री परीक्षा होगी खत्म
इस नए सिस्टम के तहत सप्लीमेंट्री परीक्षा नहीं होगी। यदि कोई छात्र दूसरी परीक्षा में शामिल होता है, तो उसके बेस्ट स्कोर को फाइनल माना जाएगा। स्टूडेंट्स को यह स्वतंत्रता भी होगी कि वे केवल उसी विषय की परीक्षा दें, जिसमें वे पहली बार में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सके।
12वीं बोर्ड के लिए बाद में होगा फैसला
शुरुआती चरण में यह सिस्टम सिर्फ 10वीं के लिए लागू होगा। CBSE अधिकारी के मुताबिक, 12वीं बोर्ड परीक्षा में इसे लागू करने का फैसला 10वीं के इस नए सिस्टम की सफलता के आधार पर लिया जाएगा।
CBSE का वैश्विक विस्तार – 2026-27 से विदेशों में भी CBSE सिलेबस
सरकार ने 2026-27 से विदेशी स्कूलों के लिए CBSE सिलेबस शुरू करने की योजना बनाई है। CBSE को इसके लिए एक विस्तृत कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं।
बोर्ड परीक्षा पैटर्न में संभावित बदलाव
सूत्रों के मुताबिक, दो बार परीक्षा प्रणाली लागू होने के बाद, CBSE को परीक्षा शेड्यूल को अधिक कॉम्पैक्ट बनाना होगा। संभावना है कि परीक्षाओं का अवधि एक सप्ताह या 10 दिन तक सीमित किया जा सकता है ताकि जून तक सभी रिजल्ट घोषित हो सकें।