हरियाणा में स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज और मुख्यमंत्री कार्यालय के बीच चल रहे विवाद का समाधान अब तक नहीं निकल पाया है। यह विवाद 56 दिनों से चल रहा है, जिसमें सिर्फ दो फाइलों पर ही काम हुआ है। 15 नवंबर को हुई मुख्यमंत्री और अनिल विज की मीटिंग के बावजूद भी समाधान नहीं हुआ।
अब 15 दिसंबर से हरियाणा विधानसभा का सत्र शुरू हो रहा है और विधायकों के सवाल आने शुरू हो गए हैं। सवाल यह है कि स्वास्थ्य विभाग से जुड़े सवालों का कौन जवाब देगा? विपक्ष भी इस मुद्दे को सत्र में उठाने की योजना बना रहा है। विपक्षी दलों ने इस विवाद पर कई बार प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस, आप और इनेलो ने सरकार से जवाब मांगा है। इनेलो विधायक अभय चौटाला और कांग्रेस भी इस मुद्दे को उठाने की तैयारी में हैं, इसलिए विधानसभा सत्र से पहले इस मामले को हल करना मुख्यमंत्री के लिए जरूरी हो गया है।
मुख्यमंत्री ने किया था बातचीत कर समाधान का दावा
15 नवंबर को मुख्यमंत्री मनोहर लाल और अनिल विज के बीच हुई वार्ता में विज ने पूरे मामले की जानकारी दी थी। मुख्यमंत्री ने तब अफसरों से बातचीत कर समाधान का दावा किया था, लेकिन अब तक कोई प्रगति नहीं हुई है। एक रिव्यू मीटिंग विज की नाराजगी का कारण रहा।
अफसरों की कार्रवाई से थे स्वास्थ्य मंत्री असंतोष
स्वास्थ्य विभाग के कुछ अफसरों की कार्रवाई से स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज को असंतोष हुआ। जिसके बाद विज ने स्वास्थ्य विभाग की फाइलों पर साइन करने से मना कर दिया था। विपक्ष इस मुद्दे को विधानसभा में उठाने की तैयारी की है और इससे पहले सरकार को इसे सुलझाना जरूरी होगा।