हरियाणा में स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज और मुख्यमंत्री कार्यालय के वरिष्ठ अधिकारी के बीच चल रहे विवाद के 2 महीने पूरे हो गए हैं। विवाद के कारण स्वास्थ्य विभाग का काम पूरी तरह से ठप्प हो गया है और विभाग में 2 हजार फाइलें रुकी हुई हैं।
अब इस विवाद का समाधान नहीं होने से मंत्री विज के तेवर भी तलख नजर आ रहे हैं। अगर जल्द ही इसे हल नहीं किया गया, तो विज कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं। उन्होंने कहा है कि वह अब इस मुद्दे पर 2-3 दिन में ही निर्णय करेंगे। पिछले दिनों मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने त्वरित समाधान की बात कही थी, लेकिन फिर भी कोई प्रगति नहीं हुई। अब 15 दिसंबर से हरियाणा विधानसभा का शीतकालीन सत्र शुरू हो रहा है, जिसके लिए विधायकों के प्रश्न आने शुरू हो गए हैं। इससे स्वास्थ्य विभाग से जुड़े सवालों का जवाब कौन देगा, यह एक बड़ा सवाल है। विपक्ष भी इस मामले पर कड़ी चर्चा कर रहा है। विपक्षी दलों ने विधानसभा में सरकार से इस मामले पर जवाब मांगने की बात कही है।
सरकार से जवाब मांग सकते है अभय चौटाला
कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और इनेलो ने इस विवाद को लेकर कई बार प्रतिक्रिया दी है। इस संदर्भ में इनेलो नेता अभय चौटाला विधानसभा सत्र में सरकार से जवाब मांग सकते हैं। कांग्रेस भी इस मुद्दे को उठाने की तैयारी में है, इसलिए विधानसभा सत्र से पहले इस मामले का समाधान मुख्यमंत्री के लिए बेहद महत्वपूर्ण हो गया है। अनिल विज की नाराजगी की मुख्य वजह एक रिव्यू मीटिंग है, जो मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने 5 अक्टूबर को आयोजित की थी। इसमें स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. सोनिया त्रिखा खुल्लर समेत विभाग के सभी अधिकारी थे, और इसमें स्वास्थ्य मंत्री विज शामिल नहीं थे।
19 विभागों को मर्ज कर बनाए 8, मंत्री विज को नहीं आया पसंद
2019 से चल रही तनातनी के चलते भी संकट है। 2019 में विधानसभा चुनाव में बीजेपी और जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) ने सरकार बनाई, लेकिन तनातनी बनी रही। एक समय पर मंत्री विज को गृह मंत्रालय मिला, लेकिन उनके अधीन सीआईडी की रिपोर्टिंग नहीं थी। मुख्यमंत्री ने 1 दिसंबर 2022 को 19 विभागों को मर्ज कर 8 विभाग बनाए। जिसमें स्वास्थ्य विभाग भी शामिल था, जो मंत्री विज को नहीं पसंद आया।