देश के न्यायिक इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ने जा रहा है। जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई 14 मई को भारत के 52वें मुख्य न्यायाधीश (CJI) के रूप में शपथ लेंगे। वे देश के दूसरे दलित चीफ जस्टिस होंगे। इससे पहले जस्टिस के.जी. बालाकृष्णन ने यह गौरव प्राप्त किया था। मौजूदा मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना 13 मई को सेवानिवृत्त हो रहे हैं, जिनकी सिफारिश पर ही जस्टिस गवई के नाम को केंद्र सरकार के पास भेजा गया।
जस्टिस गवई सुप्रीम कोर्ट के सबसे वरिष्ठ न्यायाधीशों में शामिल हैं। उनकी कानूनी यात्रा 2005 में बॉम्बे हाई कोर्ट के स्थायी जज बनने से शुरू हुई थी। वे लंबे समय से सुप्रीम कोर्ट के अहम और संवेदनशील मामलों की बेंच का हिस्सा रहे हैं।
उन्होंने अनुच्छेद 370 हटाने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करने वाली 5 सदस्यीय संविधान पीठ में भी भूमिका निभाई थी। इसके अलावा, वे इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम को असंवैधानिक ठहराने वाली बेंच और नोटबंदी के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई करने वाली पीठ में भी शामिल थे।