हरियाणा में भ्रष्टाचार के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। आए दिन किसी सरकारी अधिकारी या कर्मचारी के रिश्वत लेने का मामला प्रकाश में आ रहा है। प्रदेश में घूसखोरी का कारनामा लगातार जारी है। अब जिला पानीपत में एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) की टीम ने निजी अस्पताल के एक डॉक्टर को 2 लाख रुपये की रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार किया है। पुलिस पूछताछ में आरोपी डॉक्टर ने खुलासा किया है कि इस रिश्वत के पैसों को सरकारी अस्पताल के डॉक्टर और क्लर्क तक पहुंचाया जाना था।
बताया जा रहा है कि फिलहाल सरकारी अस्पताल के दोनों आरोपी डॉक्टर और क्लर्क फरार हैं। आरोपियों की धरपकड़ के लिए टीमें प्रयासरत हैं। उधर करनाल एसीबी थाना में आरोपियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। अंबाला एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम के मुताबिक पानीपत के आधार अस्पताल के संचालक डॉ. विशाल मलिक ने जनवरी 2024 में सिविल अस्पताल के डॉ. पवन कुमार और क्लर्क नवीन कुमार के साथ बरसत रोड स्थित इमेजिंग एंड डायग्नोस्टिक सेंटर का निरीक्षण किया था।

आरोप है कि निरीक्षण के दौरान तीनों आरोपियों ने शिकायतकर्ता पर एफआईआर दर्ज न करवाने और जारी किए गए नोटिस को फाइल करवाने के बदले में 2 लाख रुपये की डिमांड की थी। इसके बाद एसीबी की टीम ने शिकायत के आधार पर आरोपियों की धरपकड़ के लिए योजना तैयार की।

बताया जा रहा है कि एसीबी की टीम ने शुक्रवार को आधार अस्पताल के संचालक डॉ. विशाल मलिक को 2 लाख की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों धर दबोचा। आरोप है कि रिश्वत का पैसा डॉ. विशाल मलिक के जरिये डॉ. पवन कुमार और क्लर्क नवीन कुमार तक पहुंचाया जाना था। इसके बाद से डॉ. पवन और नवीन फरार बताए जा रहे हैं। एसीबी की टीम का दावा है कि इस मामले में जल्द ही आरोपी पुलिस की गिरफ्त में होंगे।