एन्फोर्समेंट डायरेक्टोरेट (इडी) ने हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जांच शुरू की है। इसके तहत डायरेक्टोरेट की टीम ने दिल्ली में हुड्डा से पूछताछ की है। जिसमें हुड्डा के खिलाफ गुड़गांव से सटे मानेसर में प्राइवेट बिल्डरों को फायदा पहुंचाने का आरोप है। इसके अलावा इडी ने हरियाणा के मानेसर में जमीन घोटाला मामले में भी एक सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की है। जिसमें कई बड़े बिल्डरों के नाम शामिल हैं।
बता दें कि सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इडी ने अपनी जांच की शुरुआत गुरुग्राम पुलिस और बाद में सीबीआई की एफआईआर के बाद की थी। सीबीआई ने इसमें हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा सहित 34 लोगों को आरोपी बताया था। इसके बाद इडी ने इसमें मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में जांच शुरू की थी। जिसमें अब तक 108.79 करोड़ की प्रॉपर्टी को अटैच किया गया है। इस चार्जशीट में शामिल बिल्डरों के नामों में एबीडब्लयू इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड, मालिक अतुल बंसल, पत्नी सोना बंसल, महामाया एक्सपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड, शशिकांत चौरसिया, दिलीप ललवानी, वरिंदर उप्पल, विजय उप्पल, रविंदर तनेजा, टीडीआई इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड, विजडम रियलटोर्स प्राइवेट लिमिटेड और एबी रिफोंस इन्फ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं।

बिल्डरों ने 1 से 1.5 करोड़ में खरीदी 50 एकड़ जमीन
मामले का आरोप यह है कि बिल्डरों ने मानेसर, नौरंगरपुर और लखनौला के किसानों को सस्ते दामों पर जमीन अधिग्रहण करने के डर का उपयोग करके 20 से 25 लाख रुपए में ही 350 एकड़ जमीन को अपने नाम करवा लिया। इसके बाद बिल्डरों ने तत्कालीन सरकार को जमीन अधिग्रहण का नोटिफिकेशन निकालने के लिए दबाव डाला था और सरकार ने इसे मंजूरी दी। इसका फायदा उठाते हुए बिल्डरों ने 50 एकड़ जमीन को 1 से 1.5 करोड़ में खरीद लिया, जबकि उस समय जमीन की कीमत प्रति एकड़ करीब 4 करोड़ थी।
पंचकूला में की थी चार्जशीट दाखिल
जांच में पता चला कि किसानों से सबसे ज्यादा जमीन एबीडब्लयूआईएल ग्रुप के मालिक अतुल बंसल ने खरीदी थी, जिसने बाद में इसे महंगे दामों पर बेच दिया। केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई ने हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा सहित 34 आरोपियों के खिलाफ फरवरी 2018 में हरियाणा के पंचकूला में चार्जशीट दाखिल की थी।