विधायक गोपाल कांडा के घर 21 घंटे बाद ईडी की रेड खत्म, टीम ने खंगाले संपत्ति के कागजात

गुरुग्राम राजनीति हरियाणा

हरियाणा के सिरसा से निर्दलीय विधायक और हरियाणा लोकहित पार्टी के सुप्रीमो गोपाल कांडा के ठिकानों पर बुधवार सुबह से चल रही ईडी की रेड गुरुवार को खत्म हो चुकी है। रेड करीब 21 घंटे तक चली। इसके बाद ईडी की टीम और सुरक्षा के लिए तैनात पुलिस फोर्स रवाना हो गए।

रेड के दौरान ईडी की टीम ने करीब 21 घंटे तक गोपाल कांडा की संपत्ति का बयोरा खंगाला, लेकिन अधिकारियों को रेड के दौरान कुछ हाथ नहीं लगा। वहीं मामले को लेकर फिलहाल कोई आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है। प्रदेश के पूर्व गृह मंत्री और विधायक गोपाल कांडा के खिलाफ ईडी आय से अधिक संपत्ति मामले में जांच कर रही है। बुधवार सुबह करीब 7 बजे ईडी की टीम गोपाल कांडा के गुरुग्राम सिविल लाइंस स्थित निवास और एमडीएलआर कार्यालय में रेड करने पहुंची, जो वीरवार सुबह तक जारी रही। जांच के दौरान ईडी के अधिकारियों को कुछ नहीं मिला।

गोपाल कांडा 1

कांग्रेस के पूर्व मंत्री ले गए चुटकी

पूर्व गृह मंत्री गोपाल कांडा के निवास व कार्यालय पर ईडी की रेड के मामले में कांग्रेस के पूर्व मंत्री और ओबीसी सेल के राष्ट्रीय अध्यक्ष कैप्टन अजय यादव चुटकी ले गए। उन्होंने कहा कि गोपाल कांडा के घर व कार्यालय पर रेड लक्स की एड की तरह अंदर की बात जैसी है। जिस प्रकार एड में दिखाया जाता है कि यह अंदर की बात है, उसी तरह कांडा के घर ईडी की रेड का मामला है।

राजनीतिक गलियारों में चर्चा

विधायक गोपाल कांडा अपनी पार्टी बनाने की तैयारी कर रहे थे, जिसकी राजनीतिक गलियारों में चर्चा बनी हुई है। सूत्रों के अनुसार पार्टी खड़ी करने के लिए गोपाल कांडा जिला स्तर के ब्लॉक स्तर पर अपना कार्य शुरू कर चुके थे।

आरएसएस थे जुड़े थे पिता

हरियाणा के पूर्व गृह मंत्री एवं सिरसा के विधायक गोपाल कांडा का जन्म साधारण परिवार में हुआ। उन्होंने कक्षा 10वीं तक ही पढ़ाई की है, जबकि कांडा बिजनेस और राजनीति में विशेषज्ञों और दिग्गजों का मुकाबला कर रहे हैं। वहीं गोपाल कांडा के पिता मुरलीधर कांडा आरएसएस कार्यकर्ता थे।

रेड की तारीख के दिन बने थे पार्टी मुखिया

गोपाल कांडा के घर 9 अगस्त को ईडी की रेड पड़ी और इसी तारीख के दिन ही वह हरियाणा लोकहित पार्टी के मुखिया बने थे। सिरसा से विधायक होने के बाद वह हरियाणा सरकार में गृह मंत्री भी रह चुके हैं। एमडीएलआर एयरलाइंस के नाम से एक विमानन कंपनी भी चला रहे हैं।

बहुचर्चित गीतिका सुसाइड मामले में मिली थी राहत

गोपाल कांडा बहुचर्चित गीतिका एयरहोस्टेज सुसाइड मामले में 25 जुलाई को बरी हुए हैं। कंपनी की कर्मचारी गीतिका की आत्महत्या के मामले में उन पर मुकदमा चल रहा था। जिससे राहत मिलने के बाद उन्होंने कई मंदिरों में माथा भी टेका था।

गुरुग्राम से शुरू हुआ करोड़पति बनने का सफर

गोपाल कांडा के करोड़पति बनने का सफर वर्ष 2002 के आसपास गुरुग्राम से शुरू हुआ था, वहीँ आज ईडी की रेड जारी है। प्रदेश में इनेलो की सरकार थी और गोपाल कांडा इनेलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला के बेहद करीबी माने जाते थे। साथ ही उनके चौटाला सरकार में राजनेताओं से भी अच्छे संबंध बन गए थे।

विपक्ष के बाद पक्ष पर भी वार

गोपाल कांडा से पहले ईडी की ओर से समालखा से कांग्रेस विधायक धर्म सिंह छौक्कर, हिसार में वेदपाल तंवर, सुरेंद्र व वजीर के निवास पर छापा मार कार्रवाई की जा चुकी है। ईडी की टीम कांग्रेस नेताओं के घर से ब्रांडेड गाडि़यों सहित कागजात को अपने कब्जे में ले चुकी है। कांग्रेस नेताओं के बाद अब भाजपा सहयोगी गोपाल कांडा को भी निशाना बनाया गया है।

सिरसा में बनाया सपनों का महल, 70 करोड़ की संपत्ति के हैं मालिक

प्रदेश के पूर्व मंत्री और विधायक गोपाल कांडा ने सिरसा में करीब ढाई एकड़ जमीन पर अपने सपनों का महल बनवाया है। जिसके अंदर हेलिकॉप्टर उतारने सहित अनेक शाही सुविधाएं उपलब्ध हैं। इस महल की कीमत करो़ड़ों में है। साथ ही गोपाल कांडा करीब 70 करोड़ रुपये की संपत्ति के मालिक हैं। इन सब बातों का जिक्र 2019 के विधानसभा चुनाव में दाखिल एफिडेविट में किया गया है।

गोवा कैसीनों किंग के नाम से जाने जाते हैं कांडा

गोपाल कांडा ने गोवा में भी बिग डैडी नाम से कैसीनो बनवाया है। जिसके चलते उन्हें गोवा के कैसीनो किंग के नाम से भी जाना जाता है। एक वो भी समय था, जब गोपाल कांडा का कैसीनो गोवा में समुद्र के अंदर खड़े रहने वाले शिप पर चलता था। यह शिप गोवा की मंडोवी नदी में खड़ा रहता था।

एआईएस से दोस्ती, फिर शुरु हुई खरीद-फरोख्त

प्रदेश में इनेलो सु्प्रीमो ओमप्रकाश चौटाला की सरकार के दौरान गोपाल कांडा ने सिरसा में तैनात रहे एक आईएएस अधिकारी के संपर्क में आए और धीरे-धीरे दोस्ती बढ़ती गई। इसके बाद एआईएस अधिकारी का तबादला गुरुग्राम में हुडा विभाग (एचएसवीपी) के प्रशासक के पद पर किया गया। वहीं से कांडा ने दोस्ती का फायदा उठाते हुए गुरुग्राम में प्लाटों की खरीद-फरोख्त का दौर शुरू किया। जिनका आज कांडा को लाभ मिल रहा है।