शिक्षा दीक्षा पर्यवेक्षक कार्यक्रम के तहत सोनीपत के ग्रामीण स्कूलों की स्थिति परखने के लिए प्रिंसिपलों को निरीक्षण की जिम्मेदारी दी गई। गांव चटिया ओलिया और सांदल कलां के प्राइमरी स्कूलों में हालात चिंताजनक मिले। टूटती छत, खराब डेस्क, और छात्रों की बेहद कमजोर शैक्षणिक स्थिति ने शिक्षा विभाग की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए।
गांव चटिया ओलिया के प्राथमिक स्कूल में छत का प्लास्टर गिरने की स्थिति में था। बैठने के लिए डेस्क टूटे हुए मिले। ऐसे में छात्र खतरे में पढ़ाई करने को मजबूर हैं। सांदल कलां प्राथमिक विद्यालय में निरीक्षण के दौरान छात्रों का शैक्षणिक स्तर निराशाजनक पाया गया। बच्चे न केवल देश के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के नाम भूल चुके थे, बल्कि अपने विद्यालय का नाम भी नहीं बता सके।
सरकार के दावे, लेकिन जमीनी हालात बदतर
सरकार हर साल प्राथमिक स्कूलों की मरम्मत और व्यवस्थाओं पर भारी-भरकम खर्च करने का दावा करती है, लेकिन निरीक्षण में ग्रामीण स्कूलों का बुनियादी ढांचा खस्ताहाल मिला। छात्रों की खराब शैक्षणिक स्थिति अध्यापकों की लापरवाही की ओर इशारा करती है। शिक्षा विभाग द्वारा चलाए जा रहे शिक्षा दीक्षा कार्यक्रम के बावजूद सरकारी स्कूलों में सुधार नहीं हो पा रहा है।
अधिकारियों ने स्कूल प्रबंधन समिति से औपचारिक मीटिंग की और सुझाव लिए, लेकिन ठोस समाधान या सुधार की रणनीति अब तक नहीं दिखी। ग्रामीण स्तर पर बुनियादी सुविधाएं और छात्रों की शैक्षणिक गुणवत्ता सुधारने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। शिक्षा दीक्षा कार्यक्रम का उद्देश्य तभी सफल होगा जब शिक्षकों और प्रशासन की जिम्मेदारी सुनिश्चित की जाएगी।