Poisonous liquor scandal in Yamunanagar

साइड स्टोरी : Yamunanagar में जहरीली शराब कांड के 17 दिन बाद भी मृतकों के परिजनों के जख्म हरे, किसी परिवार का नहीं रहा मुखिया तो किसी का उजड़ गया संसार

बड़ी ख़बर यमुनानगर हरियाणा

हरियाणा के जिला यमुनानगर में जहरीली शराब ने 18 लोगों की जिंदगी को उनसे छीन लिया है। इन लोगों के जाने के 17 दिन बाद भी सभी परिवार अभी भी सदमे में हैं। इन लोगों में कोई घर का मुखिया था तो कोई अपने मां-बाप का सहारा था। इन लोगों के जाने के बाद घर सुनसान पड़े हैं, परिवार दुख की इस घड़ी से सुनेपन से उभर नहीं पा रहे हैं। ऐसे में इन जरूरतमंद परिवारों ने सरकार से मांग की है कि सरकार कम से कम उनकी तरफ ध्यान देकर उन्हें मुआवजा मुहैया करवाए, ताकि वह दो वक्त अपने घर का गुजारा चला सकें।

बता दें कि यमुनानगर में जहरीली शराब के सेवन से रिकॉर्ड तोड़ मौत हुई। इससे पहले यमुनानगर के इतिहास में पहले कभी इतनी बड़ी संख्या में जहरीली शराब से घर नहीं उजड़े थे। अधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक यमुनानगर में 18 और अंबाला में 4 जहरीली शराब ने कुल 22 लोगों की जान ली है। ऐसे में यह सवाल बड़ा है कि इन मौतों का कसूरवार कौन है। फिलहाल तो यह पुलिस के लिए भी बड़ा सवाल है कि इन मौतों के जिम्मेदार कितने हैं। मामले में कार्रवाई करते हुए पुलिस ने अब तक 19 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, 200 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया गया है, जिनसे पूछताछ चल रही है।

गौरतलब है कि यमुनानगर के गांव मंडेबरी, पंजेटों का माजरा, सारण और फूंसगढ़ में जहरीली शराब के सेवन से मौत होने के मामले सामने आए हैं। परिवार के लोग अपने घर से बुझे चिराग के बाद अब सब्र का घूंट पीकर बैठ गए हैं। मृतकों के परिजनों की मांग है कि मामले के दोषियों को सख्त से सख्त सजा दी जाए, ताकि किसी और के घर का चिराग ना बुझे। मृतकों के परिजनों का आरोप है कि अवैध शराब का यह खेल लंबे समय से चल रहा था, लेकिन इसे रोकने वाले ही जब दंबगों के साथ मिलकर लोगों को जहर पिलाएंगे तो भला रोक कौन लगाएगा।

Whatsapp Channel Join

यमुनानगर 1

एक ही परिवार से दो अर्थियां उठी तो बिखर गया परिवार

एक घर में तो दो लोगों को जहरीली शराब ने निगल लिया। रविंद्र उर्फ सोनू और रमेश की एक ही घर से जब दो अर्थियां उठी तो बूढी मां खुद को रोक नहीं पाई, लेकिन उन्हें संतोष का घूंट पीकर बैठना पड़ा। मृतक रविंद्र उर्फ सोनू और रमेश की मां महिंद्रों के अनुसार उसके दो लाडले जहरीली शराब से मर गए। एक पर आरोप था कि वह जहरीली शराब की सप्लाई करता था, जबकि दूसरे ने जहरीली शराब का सेवन किया। हांलाकि दोनों की मौत में अंतर जरूर है, लेकिन अब घर पूरी तरह से उजड़ चुका है।

यमुनानगर

परिवार में कमाने वाला कोई नहीं रहा, क्योंकि इस बूढ़ी मां के पति की पहले ही मौत हो चुकी थी। जहरीली शराब से पहले रविंद्र और बाद में रमेश की मौत हो गई। दोनों शादीशुदा थे। रमेश की पत्नी के पास एक बेटा और रविंद्र की पत्नी के दो छोटे बच्चे हैं। बच्चों के सिर से पिता का साया उठने और घर के मुखिया के जाने के बाद अब आर्थिक तंगी का दौर शुरू हो चुका है।

यमुनानगर 4

हाथों में किताबों की बजाय कंधों पर आ गई बड़ी जिम्मेदारी

वहीं इससे भी रोंगटे खड़े करने वाले और दुखदायी हालात मंडेबरी के साथ लगते गांव पंजेटों के माजरा निवासी श्रवण के परिवार का है। श्रवण शराब का आदि था। जिसकी जहरीली शराब का सेवन करने के अगले ही दिन मौत हो गई, लेकिन उसकी मौत के बाद परिवार पूरी तरह से बिखर गया। पत्नी पहले ही दुनिया से चल बसी और अब श्रवण अपने पीछे एक बेटा और एक बेटी को छोड़ गया।

श्रवण

घर के हालात ऐसे हैं कि घर में खाने के लिए दाने नहीं हैं। श्रवण की पड़ोसी बंती देवी और रोशनी के अनुसार दोनों भाई-बहन पेट भरने के लिए दिहाड़ी मजदूरी करने के लिए मजबूर हैं। इधर घर पर ताला लगा रहता है। यह भी सोचने की बात है कि जिस उम्र (18 साल) में हाथ में किताबें होनी चाहिए थी, आज उन पर कितनी बड़ी जिम्मेदारी आ गई है। इन बच्चों की आपबीती सुन सबकी आंखें नम हो रही हैं और उनका दिल पसीज रहा है।

यमुनानगर 2

मृतक मांगेराम के परिवार का रो-रोकर बुरा हाल, बोलें थम गई दुनिया

बता दें कि यमुनानगर के गांव मंडेबरी में जहरीली शराब से अकेले सबसे ज्यादा मौते हुई हैं। ग्रामीणों के मुताबिक इस गांव में जहरीली शराब से 9 लोगों की जान चली गई। मांगेराम जिसकी उम्र 37 साल थी, उसे भी जहरीली शराब ने मार दिया। आज मांगेराम के परिवार की हालत बेहद ही दयनीय है। 50 गज के मकान में तीन छोटे कमरे, बूढ़े मां-बाप और दो भाई के अलावा एक बहन, सभी का रो-रोकर बुरा हाल है।

यमुनानगर 6

मृतक मांगेराम के पिता और मां फूलो देवी का कहना हैं कि उनका बेटा दिहाड़ी मजदूरी करता था और दिनभर की थकान उतारने के लिए शराब का सेवन करता था। उनके परिवार में सबसे ज्यादा कमाने वाला भी मांगेराम ही था, जिसके सहारे उनकी दुनिया चल रही थी। वह इन दोनों बुजुर्गों के बुढ़ापे का बड़ा सहारा था। आज परिवार पर दोहरी आफत टूट पड़ी है।

मांगेराम की बहन सोनिया का कहना है कि जहरीली शराब के कारण उनके परिवार पर दोहरी मार पड़ी है। पहला तो यह कि घर से जवान जनाजा उठा और दूसरा कि अब घर का खर्च कौन उठाएगा। इस हादसे ने उनका सब तबाह कर दिया है। मां फूलो देवी का कहना है कि सरकार से मिलने वाली पेंशन से घर चलाना मुमकिन नहीं है।

यमुनानगर 3

प्रवीण की मौत के बाद नहीं जला घर में चूल्हा, सुरेश की बेटी को गुजारे का डर

गांव फूंसगढ़ में भी जहरीली शराब से नौजवान युवक प्रवीण की मौत हुई है। वह अभी कुंवारा था और खुद का खर्च उठाने के लिए दिहाड़ी मजदूरी करता था। परिवार में दो भाई और लाचार पिता है, जिसे लकवा मार गया है। जब प्रवीण के भाई संजय ने उनकी मौत की आपबीती बताई और यह भी दिखाया कि वह यहीं घाट पर सोता था। अब यह सुनसान है। प्रवीण की मौत के बाद घर पर अभी तक चूल्हा नहीं जला है।

साक्षी

उधर गांव मंडेबरी में सुरेश की मौत से परिवार गम में है। उनकी 18 वर्षीय बेटी साक्षी हाथ में पिता का फोटो लेकर उनकी पहचान बता रही है। साक्षी का कहना है कि अब वह अपनी पढ़ाई करें या फिर घर चलाने के लिए कमाकर लाएं। भाई भी इतना बड़ा नहीं है कि नौकरी करके परिवार का गुजारा चला सके। पिता के जाने के बाद घर का गुजारा चलाना दुर्भर हो गया है। साक्षी ने भी सरकार से मांग की है कि उन्हें उचित मुआवजा दिया जाए, ताकि घर में खाने के लिए रोटी मिल सके।

यमुनानगर 5

वहीं गांव पंजेटों के माजरा में 73 साल के बुजुर्ग मेहरचंद भी जहरीली शराब का शिकार हो गए। हांलाकि वह रेलवे से सेवानिवृत्त थे और शराब के आदी थे। इकलौता बेटा कमलजीत बेरोजगार है। उनका कहना है कि अधिकारी घर पर आते हैं और पूछताछ करके चले जाते हैं, लेकिन मुआवजे की कोई बात नहीं करता। ऐसे में सरकार को पीड़ित परिवारों का कोई दुख-दर्द नहीं दिख रहा है।