Faridabad में पुलिस को दो साल(year) की बच्ची का शव झाड़ियों में मिला। मामले में पुलिस ने मृतका की मां को हिरासत में लिया है। पुलिस के अनुसार मां ने बताया कि उनके पास बेटी के अंतिम संस्कार के लिए पैसे(Money) नहीं थे, इसलिए वे शव को झाड़ियों में फेंक दिया। दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल(Safdarjung Hospital) में इलाज के लिए लेकर पहुंची, परंतु बच्ची की मौत हो गई।
मामले में पुलिस ने जांच की और पाया कि बच्ची की मौत दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में हुई थी। इसके बाद पुलिस ने बच्ची की मां को काबू में लिया। मां ने बताया कि उनका पति उनसे खुश नहीं था और उसके संदर्भ में भी आरोप लगाया। मां का कहना है कि उनका पति उन्हें मारता था और उसका संबंध भी किसी और औरत के साथ चल रहा था। उसके पति का आरोप है कि मां ने बच्ची को मारा है। मां के पास बेटी के दाह संस्कार के लिए पैसे नहीं थे और वह बच्ची का शव झाड़ियों में फेंक दिया। पुलिस ने मामले की जांच शुरू की है और बच्ची का पोस्टमॉर्टम करवाया जा रहा है। अगर मां बेटी का दाह संस्कार करने में असमर्थ होती है, तो पुलिस खर्च करके शव का दाह संस्कार कराएगी।
महिला ने बताया कि उसने 2021 में अपनी बच्ची को जन्म दिया था, उस समय वह अपने पति विशाल सिंह के साथ शिमला में थी, जहां पर बच्ची का जन्म हुआ था। वह मूल रूप से बिहार के छपरा जिले की रहने वाली है। शिखा ने बताया कि बच्ची के होने के बाद से ही उसका पति उससे खुश नहीं था, उसे मारपीट करता रहता था। शिमला में कुछ समय रहने के बाद वह विशाल के साथ फरीदाबाद की डबुआ कॉलोनी में आकर रहने लगी। यहां उसकी बेटी की मौत हो गई।
1700 रूपये थे, वो भी ऑटो वाले ने ले लिए
शिखा के बताया कि उसकी बच्ची की मौत के बाद शव उसे घर ले जाने के लिए दे दिया गया। बच्ची के मरने के बाद वह काफी घबरा गई थी। उसके पति का भी बार बार फोन आ रहा था। वह कह रहा था कि बच्ची को उसी ने मार दिया है। वह काफी घबरा गई। वहीं उसके पास बेटी के दाह संस्कार के लिए रुपए भी नहीं थे। उसे कुछ समझ में भी नहीं आ रहा था कि अब वह अपनी बेटी के शव का क्या करे।
शिखा ने बताया कि उसके पास केवल 1700 रुपए थे, जो ऑटो वाले ने उससे फरीदाबाद लाने के लिए किराए के रूप में ले लिए। इसके बाद बच्ची के शव को झाड़ियों के फेंक कर अपने घर चली गई। पुलिस अधिकारी ने आश्वासन दिया कि बच्ची के शव को पोस्टमार्टम के बाद मां को सौंप दिया जाएगा, यदि उसके पास अंतिम संस्कार के पैसे नहीं है, तो स्वयं की जेब से पैसा खर्च कर संस्कार करवाएंगे।