पंजाब के किसान बुधवार को दिल्ली रवाना होंगे। उन्होंने केंद्र के साथ हुई मीटिंग के बाद इस निर्णय को लिया। केंद्र ने कपास, मक्का, मसूर, अरहर और उड़द पर एमएसपी देने का प्रस्ताव दिया था, लेकिन किसानों ने इसे खारिज कर दिया।
किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि उन्होंने एक्सपर्ट्स और किसानों के साथ केंद्र के प्रस्ताव पर चर्चा की और निर्णय लिया कि प्रस्ताव उनके हित में नहीं है। उन्हें अपनी एमएसपी पर कानूनी गारंटी चाहिए। किसान आंदोलन के मद्देनजर, हरियाणा के 7 जिलों में इंटरनेट पर पाबंदी का फैसला 20 फरवरी तक बढ़ा दिया गया है। कृषि विशेषज्ञ देवेंद्र शर्मा कहते हैं कि देशभर के किसानों की समस्या का समाधान सिर्फ 4 फसलों पर नहीं हो सकता। यह चारों फसलें अभी भी लगभग एमएसपी या उससे अधिक मूल्य में बिक रही हैं। मुद्दा यह है कि जो फसलें एमएसपी से कम मूल्य में बिक रही हैं, उन्हें एमएसपी पर खरीदा जाना चाहिए।

खुले बाजार में भी फसलें बेच सकें, न्यूनतम कीमत की गारंटी
जिन 23 फसलों पर पहले से एमएसपी लागू है, किसान उन्हीं फसलों पर स्वामीनाथन कमीशन की रिपोर्ट के आधार पर एमएसपी कानून बनाने की मांग कर रहे हैं। किसानों को यह चाहिए कि उनकी पूरी फसल सिर्फ सरकार नहीं खरीदे, बल्कि वे खुले बाजार में भी अपनी फसलें बेच सकें और उन्हें न्यूनतम कीमत की गारंटी हो।

सी2+50 फॉर्मूला लागू करने और किसानों की कर्जमाफी
किसानों की मांग है कि एमएसपी के नीचे उनकी फसलें किसी भी अन्य एजेंसी द्वारा नहीं खरीदी जाएं। किसान नेता सरवण सिंह पंधेर ने कहा कि किसानों की मुख्य मांग है एमएसपी पर कानूनी गारंटी, सी2+50 फॉर्मूला लागू करने और किसानों की कर्जमाफी। भाजपा कहती है कि देश की आजादी के बाद सबसे ताकतवर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं। अगर वह किसानों की मांगों को मानते हैं तो यह सिद्ध हो जाएगा कि उनके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में सबसे बड़े फैसले लिए हैं।
