भारतीय किसान मजदूर यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष Suresh Kauth ने आगामी 4 जनवरी को Tohana में होने वाली रैली में संयुक्त किसान मोर्चा के पदाधिकारी हिस्सा लेंगे। सुरेश कौथ ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि वह तीन कृषि कानूनों को नए रूप में पेश करने की कोशिश कर रही है और राष्ट्रीय कृषि नीति के नाम पर किसानों की मंडी व्यवस्था को खत्म करने की साजिश रची जा रही है।

किसान आंदोलन के दौरान केंद्र सरकार द्वारा एमएएसपी गारंटी कानून और अन्य कई मांगों पर सहमति देने की बात कही गई थी, लेकिन तीन साल बाद भी उन पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। सुरेश कौथ ने यह भी आरोप लगाया कि सरकार किसान आंदोलन से रद्द कराए गए तीन कृषि कानूनों को फिर से लागू करने का प्रयास कर रही है, जिसे हर हाल में रोकने की आवश्यकता है।
उन्होंने आगे कहा कि हरियाणा और पंजाब के किसानों की खुशहाली का मुख्य कारण मंडी व्यवस्था है, लेकिन अब इसे खत्म कर कांट्रेक्ट फार्मिंग को बढ़ावा देने की कोशिश की जा रही है। इसके साथ ही मजदूरों का शोषण भी हो रहा है, और यह दोनों वर्गों के लिए संकट पैदा कर रहा है। सुरेश कौथ ने कहा कि जब किसान और मजदूर अपने हक के लिए एकजुट होंगे, तो सरकार को मजबूर होना पड़ेगा। उन्होंने मनरेगा को खेती से जोड़ने की जरूरत पर भी बल दिया।