Fatehabad : छोटे भाई की दोनों किडनियां खराब होने पर बड़ी बहन ने किडनी देकर दिया रक्षाबंधन का तोहफा

फतेहाबाद

वैसे तो भाई-बहनों में आपस में कितने ही झगड़े होते हो या फिर छोटी उम्र से ही आपस में दोनों की नोकझोंक चलती हो, लेकिन भाई-बहनों के त्यौहारों पर दोनों आपस में एक नजर आते है और एक-दूसरे के लिए कुछ भी कर गुजरने को तैयार दिखाई देते है। उसमें खासकर रक्षाबंधन के त्यौहार पर दिखाई देता है। जिसमें बहन भाई के हाथ पर राखी बांधकर अपनी रक्षा का वचन लेती है, लेकिन कई बार ऐसी घटनाएं भी सामने आती है, जिसमें बहन भाई के हाथ पर राखी बांधने के बाद भी स्वयं भाई की रक्षा करती है।

ऐसा ही माजरा बुधवार की रक्षाबंधन पर फतेहाबाद में देखने को मिला, जहां छोटे भाई की दोनों किडनी खराब हो जाने पर बड़ी बहन ने अपनी किडनी देकर छोटे भाई को स्वयं रक्षाबंधन का तोहफा दिया। ऐसा करके बड़ी बहन ने अपने भाई की जान बचा ली। बता दें कि गांव खजूरी जाटी की 55 साल की बेबी नटियाल ने 42 साल के छोटे भाई दीपचंद को अनमोल उपहार दिया। रक्षाबंधन के त्योहार से कुछ दिन पहले महात्मा गांधी अस्पताल जयपुर में किडनी ट्रांसप्लांट कराई गई, जिसके बाद दोनों ही ठीक हैं।

2 साल पहले दी थी डाक्टर ने जानकारी

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दीपचंद को 2 वर्ष पहले सीने में दर्द हुआ और वो अपना चैकअप करवाने के लिए डाक्टर के पास पहुंचे थे, जहां डाक्टर ने उन्हें जानकारी देते हुए बताया था कि उनकी दोनों किडनी खराब हो चुकी हैं। डॉक्टरों ने डायलिसिस की सलाह दी। परिवार ने जैसे-तैसे डायलिसिस करवा 2 वर्ष का मुश्किल भरा वक्त काट लिया।

डायलिसिस ने तबीयत में नहीं दिखा सुधार

वहीं परिजनों के लगातार डायलिसिस करवाने के बाद भी दीपचंद की तबीयत में कोई सुधार देखने को नहीं मिला। फिर डॉक्टरों से बात की तो उन्होंने कहा कि जिंदगी बचाने का इकलौता तरीका अब किडनी ट्रांसप्लांट ही है। डॉक्टरों ने कहा कि जितनी जल्दी हो सके, किडनी ट्रांसप्लांट करवानी होगी। इससे परिवार और परेशान हो गया कि दीपचंद के लिए किडनी कौन देगा।

अपनी नेक सोच के साथ बहन ने दिया था वचन

जहां एक ओर दीपचंद के परिजनों को उसकी सेहत की चिंता सता रही थी, वहीं दूसरी ओर बड़ी बहन भाई की सेहत की चिंता करते हुए उसे बड़ा तोहफा देने की सोच रही थी। बहन बेबी अपनी नेक सोच के साथ आगे आई और उसने वचन दिया कि वो अपने भाई को किडनी देकर उसकी जान बचाएगी। सभी औपचारिकताओं के बाद 8 अगस्त को कठिन प्रयासों से बहन की किडनी भाई को दे दी गई। जिससे दीपचंद की जिंदगी बच गई, अब उनकी हालत में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है।