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बाढ़ से हुए नुकसान के मुआवजे सहित कई मांगों पर फिर गरमाए किसान, जिले के किसानों ने किया चंडीगढ़ कूच

फतेहाबाद

फतेहाबाद में पगड़ी संभाल जट्टा किसान संघर्ष समिति के नेतृत्व में फतेहाबाद से काफी संख्या में किसानों ने आज सुबह चंडीगढ़ के लिए कूच किया। ये किसान बाढ़ से खराब फसलों के मुआवजे सहित विभिन्न मांगों को लेकर विधानसभा के बाहर प्रदर्शन करेंगे। हिसार, सिरसा, फतेहाबाद के आसपास के गांवों से आए किसान सबसे पहले लघु सचिवालय के बाहर एकत्रित हुए। यहां से पैदल, ट्रैक्टर-ट्रालियों और गाड़ियों में सवार होकर चंडीगढ़ के लिए रवाना हुए।

पगड़ी संभाल जट्टा किसान संघर्ष समिति के राज्य संयोजक मनदीप नथवान ने बताया कि करीब एक महीने से फतेहाबाद के लघु सचिवालय के बाहर किसान पक्का मोर्चा लगाकर बैठे हुए हैं। डीसी से बातचीत भी हुई थी। मगर किसानों की समस्याओं का कोई ठोस समाधान नहीं हुआ है।

किसानों की समस्याओं का नहीं हो रहा समाधान

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पगड़ी संभाल जट्टा किसान संघर्ष समिति के राज्य संयोजक मनदीप नथवान ने बताया कि करीब एक महीने से फतेहाबाद के लघु सचिवालय के बाहर किसान पक्का मोर्चा लगाकर बैठे हुए हैं। डीसी से बातचीत भी हुई थी। मगर किसानों की समस्याओं का कोई ठोस समाधान नहीं हुआ है। इसलिए अब चंडीगढ़ कूच का फैसला लेना पड़ा है। नथवान ने कहा कि चंडीगढ़ जाकर उच्च अधिकारियों और सरकार में बैठे नेताओं के समक्ष मांग को रखा जाएगा।

क्या हैं किसानों की प्रमुख मांगें 

मनदीप नथवान ने बताया कि बाढ़ और बारिश से खराब फसलों को लेकर सहित कई मांगों को रखा जाएगा। ये मांगे इस प्रकार हैं-

  • 50 हजार रुपये प्रति एकड़ मुआवजा देने
  • खराब ट्यूबवेलों, मकानों का उचित मुआवजा देने
  • एक साल तक बाढ़ग्रस्त क्षेत्र में बिजली बिलों को नहीं लेने
  • कर्जदारों किसानों का एक साल का ब्याज माफ करने
  • खराब की जगह नए ट्यूबवेल लगने पर कनेक्शन शिफ्टिंग का खर्चा नहीं लेने
  • धान की पौध पर ब्लैक लेने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने
  • घग्गर नदी के टूटे हुए बांध को बनवाने
  • नदी के किनारों को मजबूत करवाने

प्रमुख मांगों के अलावा अन्य मांगें

इसके अलावा स्वास्थ्य सेवाएं सरकार द्वारा फ्री गांव-गांव तक पहुंचाने, बाढ़ के दौरान लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ उचित कार्रवाई करने, गांवों में छोटे-छोटे बांध बनाने के लिए जेसीबी मशीनें लगाई गई थी, उनका पैसा सरकार द्वारा जारी करवाने, बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र में सड़कों की तुरंत मरम्मत करवाने, आपदा प्रबंधन के लिए आए सरकारी पैसे की जांच करवाने, मजदूर परिवारों को 20 हजार रुपये प्रति परिवार मुआवजा देने, 2021-22 का बीमा क्लेम व फसल मुआवजा देने, सेम ग्रस्त इलाके सेम मुक्त करने जैसे मामले भी उठाए जाएंगे।