former minister Jagdish Yadav goodbye BJP

भाजपा को झटका, पूर्व मंत्री जगदीश यादव ने किया पार्टी को अलविदा, कल हुड्डा गुट के जरिये कांग्रेस में होंगे शामिल

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हरियाणा के रेवाड़ी में पूर्व मंत्री जगदीश यादव ने भाजपा को अलविदा कहते हुए कांग्रेस में अपनी आस्था जताई है। जगदीश यादव बुधवार को दिल्ली में कांग्रेस पार्टी का हाथ थामेंगे। इस दौरान कांग्रेस के कई बड़े नेता भी मौजूद रह सकते हैं। उन्होंने कांग्रेस में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हु़ड्‌डा गुट के जरिए एंट्री की है। बता दें कि जगदीश यादव बंसीलाल की सरकार में मंत्री रह चुके हैं।

जानकारी अनुसार पूर्व मंत्री जगदीश यादव गुरुग्राम से अपने समर्थकों के साथ सबसे पहले दिल्ली स्थित कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा के निवास पर पहुंचेंगे। इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा सहित अन्य नेताओं के साथ मुलाकात करेंगे। वहीं कयास लगाए जा रहे हैं कि भाजपा नेता एवं पूर्व मंत्री जगदीश यादव के भाजपा को अलविदा कहकर कांग्रेस में जाने से जिला रेवाड़ी की कोसली विधानसभा के समीकरण भी बदल सकते हैं।

बता दें कि जगदीश यादव चुनाव से पहले भाजपा में शामिल हुए थे। वर्ष 2019 में चुनाव से पहले उन्होंने इनेलो का दामन छोड़ भाजपा में प्रवेश किया था। उधर भाजपा का दामन थामने के बाद उन्हें कोसली से टिकट मिलने की पूरी उम्मीद थी, लेकिन यहां निराशा उनके हाथ लगी। फिर भी वह संतोष कर भाजपा में ही टिके रहे। इसके बाद काफी समय से चर्चाओं का माहौल गर्म था कि जगदीश यादव पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व में अपने नजदीकियों के साथ कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। मंगलवार को उनके निजी सचिव ने मैसेज भेजकर इस बात का खुलासा किया कि जगदीश यादव कांग्रेस में शामिल होने जा रहे हैं।

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टिकट की चाह में भाजपा में आए, नहीं गली दाल

जिला रेवाड़ी की कोसली विधानासभा सीट पर मजबूत पकड़ रखने वाले पूर्व मंत्री जगदीश यादव टिकट की चाह के लिए भाजपा में शामिल हुए थे, लेकिन यहां उनकी दाल नहीं गली। भाजपा ने अपने पुराने पदाधिकारी और राव इंद्रजीत सिंह की पसंद से लक्ष्मण सिंह यादव को टिकट दे दिया था। हालांकि लक्ष्मण सिंह यादव चुनाव जीत भी गए थे। वहीं टिकट नहीं मिलने से नाराज पूर्व मंत्री जगदीश यादव चुनाव ही नहीं लड़ पाए। उनकी इस नाराजगी की झलक तभी से दिखाई देने लगी थी। कयास लगाए जा रहे थे कि जगदीश भाजपा को अलविदा कह सकते हैं। आखिर में उन्होंने कांग्रेस में जाने का निर्णय ले लिया।

वर्ष 1996 में विधानसभा चुनाव जीतकर मंत्री पद तक का सफर

बता दें कि जगदीश यादव वर्ष 1996 में बंसीलाल सरकार में पहली बार विधानसभा चुनाव जीतकर मंत्री पद तक पहुंचे थे। इसके बाद वह इंडियन नेशनल लोकदल की टिकट पर रेवाड़ी की कोसली विधानसभा सीट से चुनाव लड़ते रहे। बाद में कड़ी टक्कर देने के बावजूद कांग्रेस उम्मीदवार से परस्त हो गए। इसके बाद जगदीश यादव ने वर्ष 2014 में भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार से भी हार का सामना करना पड़ा। वर्ष 2019 में भाजपा का दामन थामने के बाद उन्हें टिकट के अभाव में चुनाव से वंचित रहना पड़ा।

जगदीश यादव का नाम दुविधा के चलते धनखड़ टीम से हुआ था नदारद

पूर्व मंत्री जगदीश यादव का नाम दुविधा के चलते धनखड़ की टीम से नदारद हुआ था। जगदीश वर्ष 2019 के विधानसभा चुनावों से पूर्व भाजपा में तब आए थे, जब मुख्यमंत्री 75 पार का नारा देकर अपने विशेष रथ से प्रदेश नापने निकले थे। केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत ने जगदीश की एंट्री पर सार्वजनिक नाराजगी जताई थी। जिसके चलते उन्हें टिकट से वंचित रहना पड़ा था, लेकिन टीम भाजपा में बतौर पूर्व मंत्री उनकी एंट्री तय मानी जा रही थी।

सूची में नाम न आने की वजह से जगदीश यादव की दुविधा बढ़ गई थी। इससे पूर्व भी उनकी पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा से निकटता की चर्चाएं चलती रहती थी। उनका भाजपा के कार्यक्रमों से दूरी बनाने का दूसरा पक्ष यह भी था कि राव के विरोध के बाद भाजपा ने भी उन्हें सम्मान के साथ कभी याद नहीं किया। राव इंद्रजीत के विरोध के बाद अपने निर्णय को लेकर जितनी दुविधा में जगदीश यादव रहे, उतनी ही दुविधा में भाजपा रही। अंत में जगदीश यादव ने कांग्रेस का हाथ थाम लिया।

रामपुरा हाउस की राजनीति ले डूबी नैया

बता दें कि दक्षिण हरियाणा की राजनीति में रामपुरा हाउस का पूरा हस्तक्षेप रहा है। वहीं पूर्व मंत्री जगदीश यादव एंटी रामपुरा हाउस की राजनीति करते आए हैं। जिसके कारण उनकी नैया का डूबना माना जा रहा है। पिछले चुनावों में जिन कांग्रेस और बीजेपी उम्मीदवारों से जगदीश यादव को हार का सामना करना पड़ा, वह उम्मीदवार रामपुरा हाउस समर्थित रहे। 4 वर्ष पहले जब पूर्व मंत्री जगदीश यादव इनेलो का दामन छोड़ भाजपा में शामिल हुए थे तो उस दौरान केंद्रीय राज्यमंत्री राव इंद्रजीत पहले से ही भाजपा में शामिल थे।