Haryana में डेंगू के मामलों में लगातार हो रही वृद्धि को देखते हुए राज्य सरकार सतर्क हो गई है। मुख्यमंत्री नायब सैनी ने स्वास्थ्य मंत्री आरती राव के साथ बैठक की, जिसमें डेंगू के तेजी से फैलते प्रकोप पर चर्चा की गई। बैठक के बाद स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सभी जिलाधिकारियों (DCs) को निर्देश दिया गया है कि अपने-अपने जिलों में फॉगिंग अभियान शुरू करें। इन निर्देशों के तहत फॉगिंग आज शाम से ही शुरू हो जाएगी।
हरियाणा में अब तक 4000 से अधिक डेंगू के मामले सामने आ चुके हैं, जिसमें पंचकूला और हिसार सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र हैं। हिसार के अग्रोहा मेडिकल कॉलेज में एक मरीज की डेंगू से मौत भी हो चुकी है। हिसार, पंचकूला, गुरुग्राम, करनाल, रेवाड़ी, सोनीपत और फरीदाबाद डेंगू के हॉटस्पॉट माने जा रहे हैं।
डेंगू के मामलों में वृद्धि के बीच सैंपलिंग तेज
डेंगू के बढ़ते मामलों को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने सैंपलिंग की गति तेज कर दी है। डेंगू के केस मिलने की सूचना नगर निगम को भी दी जाती है, ताकि घर-घर जाकर मच्छरों के प्रजनन स्थल की पहचान कर उसे नष्ट किया जा सके। अब तक कुल 3.5 करोड़ घरों का दौरा किया गया है, जिसमें 1.8 लाख घरों में मच्छर का लार्वा पाया गया है।
पिछले 10 सालों में 2021 में सबसे ज्यादा केस
पिछले 10 वर्षों में 2021 में हरियाणा में डेंगू के सबसे अधिक 11,836 मामले सामने आए थे। 2022 में 8,996 और 2023 में 8,081 मामले दर्ज हुए। इस वर्ष अब तक 4,000 से अधिक मामले दर्ज हो चुके हैं।
डेंगू से मौत का आंकड़ा
साल 2015 से लेकर अब तक डेंगू से हरियाणा में 44 लोगों की मौत हो चुकी है। अकेले 2022 में सबसे ज्यादा 18 लोगों की मौत हुई थी, जबकि 2024 में अब तक चार मरीजों की मौत हो चुकी है।
महामारी अधिनियम के तहत डेंगू अधिसूचित
हरियाणा में डेंगू सहित चार प्रमुख वेक्टर जनित बीमारियों (VBDs) को महामारी रोग अधिनियम 1897 के तहत अधिसूचित किया गया है। सभी निजी अस्पतालों और प्रयोगशालाओं को निर्देश दिया गया है कि वे हर डेंगू केस की सूचना स्वास्थ्य अधिकारियों को 24 घंटे के भीतर दें। वहीं, राज्य में घर-घर जाकर बुखार की जांच की जा रही है और उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।