Government on backfoot in Haryana

Haryana में सरकार बैकफुट पर, प्राईवेट अस्पतालों ने विरोध कर पाई सफलता, बिल चुकाने के बाद ही मिलेगा शव

Health पंचकुला बड़ी ख़बर हरियाणा

हरियाणा सरकार ने मृत शरीर सम्मान विधेयक (2023) को लेकर कड़ा कदम उठाया था, जिसमें प्राइवेट हॉस्पिटलों के प्रबंधन को शव देने का प्रारूप बदलना था, लेकिन प्राईवेट अस्पतालों द्वारा विधेयक का विरोध किया गया था। जिस पर सरकार को बैकफुट पर आना पड़ा और अब विधेयक के अनुसार अस्पतालों से शव स्वीकार करने के लिए पहले उन्हें बिल चुकाना होगा। यह निर्णय पहले इस तरह के प्रावधान को हटाने के लिए तैयार किए गए थे, लेकिन अब यह फिर से स्थिति में आ गया है।

इस विधेयक का मुख्य उद्देश्य हरियाणा में सड़क पर शव रखने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करना है, ताकि सार्वजनिक जगहों पर ऐसे प्रदर्शनों को रोका जा सके। जिसमें शव के साथ प्रदर्शन करने पर अंकुश लगाने का प्रावधान है, जिससे यह सुनिश्चित हो सकता है कि लोगों का व्यवहार नियमों के अनुसार होता है। विधेयक के अनुसार राजस्थान की तर्ज पर हरियाणा में शव रखकर सड़क जाम करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी। जिसमें सजा और जुर्माने की भी धाराएं शामिल हैं। विधेयक को मुख्यमंत्री के पास भेजा गया है और उसकी स्वीकृति की जा रही है।

शव के साथ प्रदर्शन करने पर होगी सजा, लगेगा जुर्माना

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इस विधेयक के माध्यम से पुलिस को शासन की मौजूदगी में शव का अंतिम संस्कार करने की जिम्मेदारी मिलेगी। विधेयक में यह भी तय किया गया है कि परिजनों को शव का समय पर अंतिम संस्कार करना होगा और उन्हें विभिन्न मांगों के लिए शव के साथ सड़क पर प्रदर्शन करने पर सजा और जुर्माना लग सकता है। विधेयक में शव रखकर सडक जाम करने वालों के खिलाफ और भी प्रावधान हैं, जिससे सुनिश्चित हो सकता है कि इसका पालन होता है और समाज में क्रिमिनल गतिविधियों को कम किया जा सकता है।

पुलिस को मिलेंगे अधिकार

साथ ही विधेयक से पुलिस को अधिकार मिलेंगे कि वे अपने स्तर पर मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में समय से शव का अंतिम संस्कार करवा सकें। इस विधेयक से हरियाणा सरकार ने शव संस्कार की प्रक्रिया में सुधार करने और सामाजिक असहायता प्रदान करने की कड़े कदम उठाए है, जिससे लोगों को सहारा मिल सके और विशेषकर इस दुखद समय में उन्हें सही सम्मान मिल सके।