Gurugram के टिकली गांव में हाल ही में तेंदुओं(leopard) के आने से दहशत का माहौल महसूस हो रहा है। ग्रामीणों के मुताबिक, तेंदुओं ने गांव की गौशाला में घुसकर 10 गायों का शिकार किया है। इसके बाद से ही गांव में बड़ा हड़कंप महसूस हो रहा है।
गांव के ग्रामीणों के अनुसार टिकली गांव अरावली पहाड़ों के बीच बसा हुआ है। यहां के वातावरण में तेंदुओं का आना अब सामान्य हो गया है, जिससे ग्रामीण खुद को सुरक्षित महसूस नहीं कर पा रहे हैं। वाइल्डलाइफ अधिकारियों के अनुसार तेंदुओं की संख्या में बढ़ोतरी आ रही है। अरावली में इनके प्रकोप से जुड़ी समस्याओं का सामना करना गांववासियों के लिए मुश्किल हो रहा है। मामले में वाइल्डलाइफ अधिकारी राजेश चहल ने बताया कि तेंदुओं की संख्या में बढ़ोतरी के मुख्य कारण अरावली क्षेत्र में अवैध फार्म हाउसों की बढ़त है। यह फार्म हाउस जंगली जानवरों के निवास स्थलों को खत्म कर रहे हैं और इसके परिणामस्वरूप तेंदुओं का संख्या में वृद्धि हो रही है।

चहल ने यह भी कहा कि ग्रामीणों को सचेत रहने की जरूरत है, क्योंकि तेंदुओं के आने से खतरा बन सकता है। उन्होंने गांव के गौशाला में गायों को बचाने के प्रयासों की भी बात की है। गांव के ग्रामीण ने इस मुद्दे पर अपनी भी राय रखी है। उनके अनुसार, तेंदुओं का यह स्वाभाविक है कि वे जंगल से बाहर आकर गांव की गौशाला में घुस जाते हैं। इसके बारे में उन्होंने अपने अनुभव साझा किया कि एक महीने के दौरान 10 गायों का शिकार कर लिया गया है।
तेंदुओं की संख्या में हुई वृद्धि
वाइल्डलाइफ अधिकारियों के द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, तेंदुओं की संख्या 2016-17 में 31 थी, लेकिन अब इनका आंकड़ा 55 से 65 के बीच हो गया है। इससे साफ है कि उनकी संख्या में वृद्धि हुई है और इससे जंगली जानवरों और मानव-जीवन के बीच आमने-सामने होने की संभावना भी बढ़ गई है।

कार्रवाई से संतुष्ट नहीं
ग्रामीणों ने अपनी दुखभरी बात कही है कि वाइल्डलाइफ अधिकारियों की द्वारा शुरू की गई कार्रवाई से वे पूरी तरह से संतुष्ट नहीं हैं। उनका कहना है कि इसके बावजूद भी तेंदुओं के खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई नहीं की गई है और वे अभी भी गांव के लोगों के लिए खतरा बने हुए हैं।