Gurugram के कांकरोला गांव में डॉ. भीमराव अंबेडकर की मूर्ति तोड़ने के मामले को लेकर आयोजित महापंचायत में जमकर हंगामा हो गया। महापंचायत के दौरान जब भीम सेना के प्रमुख सतपाल तंवर भाषण दे रहे थे, एक व्यक्ति ने अचानक उठकर उन्हें जबरन रोकने की कोशिश की और उनके साथ हाथापाई करने का प्रयास किया। यह स्थिति काफी तनावपूर्ण हो गई, लेकिन तंवर के समर्थकों और निजी सुरक्षा गार्ड्स ने उन्हें बचाया और हंगामा करने वाले व्यक्ति को महापंचायत से बाहर कर दिया।
तत्काल बाद, सतपाल तंवर ने सोशल मीडिया पर इस घटना का वीडियो साझा किया, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि यह एक सुरक्षा में सेंधमारी थी और उनके साथ बड़ी घटना को अंजाम देने की साजिश नाकाम हुई। तंवर ने बताया कि महापंचायत में पहले से उनके विरोधी कुछ लोग मौजूद थे, जिनमें से एक व्यक्ति, जो खुद को बीजेपी का एससी कार्यकर्ता बताता था, ने तंवर का भाषण बीच में ही रोकने की कोशिश की और माइक छीनने की कोशिश की।
सतपाल तंवर ने कहा कि यह घटना बहुत बड़ी हो सकती थी, लेकिन उनके समर्थकों, निजी बॉडीगार्ड और पुलिस सुरक्षाकर्मियों की त्वरित कार्रवाई से वह बाल-बाल बच गए। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि इस घटना में पांच से छह लोग शामिल थे और यह साजिश पहले से रची गई थी, जिसका वीडियो रिकॉर्ड भी किया गया था।
क्या था मूर्ति तोड़ने का मामला?
22 फरवरी को कांकरोला गांव में अज्ञात व्यक्तियों ने डॉ. भीमराव अंबेडकर की मूर्ति को तोड़ दिया था। इस घटना के बाद भीम सेना ने प्रशासन से आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की थी। प्रशासन ने इस मामले को संज्ञान में लेते हुए दो लाख 30 हजार रुपए की राशि से मूर्ति फिर से स्थापित करने की मंजूरी दी थी। हालांकि, आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर भीम सेना ने महापंचायत का आयोजन किया था, जो इस हंगामे का कारण बना।
नवाब सतपाल तंवर: एक परिचय
नवाब सतपाल तंवर, भीम सेना के प्रमुख हैं और गुरुग्राम के खांडसा के निवासी हैं। पेशे से वकील, सतपाल तंवर ने 2010 में इस संगठन की स्थापना की थी और तब से वह एससी समाज की आवाज उठा रहे हैं।
सतपाल तंवर 2016 में चर्चा में आए थे जब उन्होंने हरियाणा की डांसर सपना चौधरी के खिलाफ एससी/एसटी कानून के तहत मामला दर्ज कराया था। इसके बाद वह नूपुर शर्मा के विवादित बयान के कारण भी सुर्खियों में आए थे, और दिल्ली पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार भी किया था। ताजा मामला कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के खिलाफ बयान देने से जुड़ा है, जिसके बाद उन्हें धमकी भी मिली थी।