हांसी में 2020 में कार में जिंदा जलाने के सनसनीखेज मामले में अदालत ने डाटा निवासी राममेहर, सुनीता और रानी को दोषी करार दिया है। एडीजे गगनदीप मित्तल की अदालत द्वारा 27 फरवरी को दोषियों की सजा सुनाई जानी थी, लेकिन अब इस मामले में 28 फरवरी को सजा सुनाई गई है। वहीं, राधा और अंकुश को बरी कर दिया गया, जबकि एक अन्य आरोपी नवीन की पहले ही मौत हो चुकी है।
6 अक्तूबर 2020 की रात करीब 11:15 बजे डाटा निवासी आशीष को अपने पिता का घबराया हुआ फोन आया। उन्होंने बताया कि एक बाइक और कार उनका पीछा कर रही है और उनसे रुपये छीनने की कोशिश कर रही है। इसके बाद आशीष के चाचा अमित ने जब राममेहर को फोन किया, तो वह भी घबराया हुआ था। उसने कहा, “जल्दी से महजत रोड पर आ जा, कुछ लोगों ने मुझे घेर लिया है!”
जब अमित महजत-भाटला रोड पर पहुंचा, तो वहां का नजारा रौंगटे खड़े करने वाला था। एक कार पूरी तरह जल चुकी थी, और अंदर एक जली हुई लाश थी। जांच में सामने आया कि घटना के दिन यानी 6 अक्तूबर 2020 को राममेहर ने बैंक से 9.90 लाख रुपये निकाले थे। शुरू में सभी को लगा कि कार में जलकर मरने वाला राममेहर ही था। लेकिन सच्चाई कुछ और थी!
दरअसल, राममेहर पर करीब डेढ़ करोड़ रुपये का कर्ज था। इससे बचने के लिए उसने अपनी मौत की झूठी कहानी रची। उसने अपने ही गांव के रमलू को कार में जलाकर मार दिया, ताकि सबको लगे कि राममेहर की मौत हो चुकी है। पुलिस ने जब मोबाइल कॉल ट्रेसिंग और सीसीटीवी फुटेज खंगाले, तो पूरा सच सामने आ गया। इसके बाद छत्तीसगढ़ से राममेहर को गिरफ्तार किया गया।