हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज ने 372 जांच अधिकारियों के सस्पेंशन के मामले में पुलिस महानिदेशक डीजीपी से रिपोर्ट तलब की है। जिसमें से करीब 100 जांच अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है, जबकि 272 और आईओ की रिपोर्ट तैयार करने में काम जारी है।
गृहमंत्री के इस कदम के बाद, पुलिस कर्मियों पर हुई कार्रवाई से महीनों से पेडिंग केसों में जांच अधिकारियों की ओर से कार्रवाई की जा रही है। अब तक 100 आईओ को सस्पेंड किया गया है, जबकि अन्य के मामले में रिपोर्ट तैयार हो रही है।गृहमंत्री अनिल विज ने 372 जांच अधिकारियों के सस्पेंशन के साथ ही सभी जिलों के पुलिस अधीक्षक एसपी और पुलिस कमिश्नरों को वायरलेस तक करने के लिए आदेश दिए हैं। इसके पहले विज ने 372 जांच अधिकारियों की लापरवाही के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की थी और उन्हें तत्पर रहकर कहा था कि लंबे समय से लम्बित केसों में निपटारा किया जाए।
अपराधियों की संख्या के बारे में जानकारी भी मिली
गृहमंत्री ने बताया कि पहले की अपेक्षा जांच अधिकारियों में चालान पेश करने की जल्द दिख रही है और अब कोई भी 90 दिनों के अंदर चालान पेश करने की तैयारी कर रहा है। इसके साथ ही जेल में बढ़ रही अपराधियों की संख्या के बारे में जानकारी भी मिली है। जेल अफसरों ने गृहमंत्री को सूचित किया है कि उनके पास आम दिनों की अपेक्षा बंदियों की संख्या बढ़ रही है, जिनमें से अधिकांश पुराने मामलों में वांछित हैं।
लंबे समय से कार्रवाई की जा रही थी
गृहमंत्री अनिल विज ने इस कदम को सख्ती से स्वीकारा है और कहा है कि लंबे समय से लम्बित मामलों में किसी भी प्रकार की लापरवाही को सहन नहीं किया जाएगा। उन्होंने इस कदम को खुशी और दुख के साथ किया है, दुख का होना उनके लिए इसलिए है क्योंकि यह जांच अधिकारियों के सस्पेंशन की आवश्यकता को दिखाता है, लेकिन इससे उन्हें खुशी है क्योंकि लंबे समय से कार्रवाई की जा रही थी।